शिलांग। मेघालय के मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने मंगलवार को राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान के बयान की निंदा की और कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक देश है और धर्मनिरपेक्षता हमारे संविधान का अंग है। भागवत ने यहां कहा था कि जो भी भारत में रहता है, वह हिंदू है।
संगमा ने कहा कि उनका ऐजेंडा धर्म के आधार पर लोगों को बांटना और सांप्रदायिक तनाव पैदा करना है। उनका बयान (त्रिपुरा में दिया गया) बिल्कुल स्पष्ट है कि उनका ऐसा ही करने का इरादा है। हमें सच में इसपर विचार करने की जरूरत है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि ऐसा कहना पूरी तरह अस्वीकार्य है कि जो भारत में रहता है, वह हिंदू है। पूरी दुनिया जानती है कि भारत धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक देश है और धर्मनिरपेक्षता हमारे संविधान का अंग है।
संगमा ने कहा कि देश को ऐसे विभाजनकारी ताकतों को संप्रदायिकता फैलाने से रोकना चाहिए, क्योंकि यह भारत के लिए खतरनाक है।
उन्होंने कहा कि हमारा धर्मनिरपेक्ष विचार आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा की वजह से खतरे में है। हम इन विभाजनकारी ताकतों को आगे बढ़ने की इजाजत नहीं दे सकते और इस तरह की ताकतें किसी भी देश के लिए खतरनाक हैं।
भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार पर आरएसएस की विचारधारा थोपने का आरोप लगाते हुए संगमा ने कहा कि वे लोग (मोदी सरकार) आरएसएस के एजेंडा के तहत आगे बढ़ रहे हैं और देश पर भी इसे लागू कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि जब से वह सत्ता में आए हैं, वे लोग आरएसएस की विचारधार लागू कर रहे हैं। यह लोगों के जागरूक होने व अपनी चिंता को बताने का समय है। संगमा ने यह भी कहा कि कांग्रेस भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बचाने के लिए प्रतिबद्ध और तैयार है।
उन्होंने कहा कि हमें इस पर ध्यान देना चाहिए। एक के बाद एक भाजपा का छुपा एजेंडा बाहर आ रहा है। हमें देश के भविष्य को बचाने के लिए तैयार रहना चाहिए।