मुजफ्फरपुर। सरकार के लाख प्रयास और भारी भरकम खर्च के बावजूद देश की जनसंख्या पर नियंत्रण क्यों नहीं हो रहा है इसकी एक बानगी दिखाते हैं बिहार के मुजफ्फरपुर से। दरअसल सरकारी योजनाएं जमीन पर कम और कागजों पर ज्यादा चलते हैं।
यही वजह है कि मुजफ्फरपुर में सरकारी अस्पतालों में मुफ्त बांटे जाने वाले पुरुषों के गर्भनिरोधक निरोध भारी मात्रा में सड़क पर फेंके मिले। सैंकड़ों की संख्या में निरोध के पैकेट जिले के सिविल सर्जन ललिता सिन्हा के आवास के पीछे सड़क किनारे मिले हैं। ताज्जुब की बात है कि इस सड़क के एक ओर सीएस का आवास है तो दूसरी ओर डीआईजी का आवास है।
ये निरोध नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाईजेशन द्वारा पूरे देश में मुफ्त बंटवाए जा रहे हैं। फेंके गए निरोध की एक्सपायरी 2018 के जुलाई माह में होनी है लेकिन आम जनता तक पहुंचाने के बदले इसे बर्बाद कर दिया गया है।
इन डब्बों पर साफ साफ लिखा है कि ये सिर्फ सरकारी सप्लाई के लिए हैं और बाजार में उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में इन डब्बों का सड़क पर पाया जाना जिले के स्वास्थ्य महकमे पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। माना जा रहा है कि कागजों पर इनका वितरण कर दिया गया होगा और छिपाने के लिए इसे युंहीं फेंक दिया गया है।
सहायक सीएमओ सह प्रभारी सीएस नें मामले को काफी गंभीर बताया है और जांच के आदेश दे दिये हैं। इस बात की जांच की जा रही है कि मुख्य स्टोर द्वारा किसी पीएचसी को ये निरोध आवंटित किए गए थे। एसीएमओ नें दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है।