लंदन। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने लंदन की एक 24 मंजिला इमारत में लगी भीषण अग्निकांड की गुरुवार को जांच का आदेश दिया। इस घटना में 17 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि कई लापता हैं।
दमकल प्रमुख ने कहा है कि मृतकों की संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है और उन्हें घटना में किसी के जीवित बचने की संभावना नहीं नजर आती।
ग्रेनफेल टॉवर में लगी आग की इस घटना के दौरान बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों ने बड़े पैमाने पर राहत अभियान चलाया है। सरकारी अधिकारी इस जांच में जुटे हैं कि चौथी मंजिल पर किस प्रकार आग लगी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक इस त्रासदी के बाद देश में इसी प्रकार के अन्य बहुमंजिला अपार्टमेंट की सुरक्षा को लेकर डर पैदा कर दिया है।
लंदन की महानगरीय पुलिस ने 17 लोगों के मौत की पुष्टि की है और कहा है कि यह आंकड़ा अभी और भी बढ़ सकता है। दमकल विभाग के कर्मियों ने इमारत से 65 लोगों को बचाया है, लेकिन अभी भी कई निवासियों का अता-पता नहीं है।
अधिकारियों ने बताया कि 37 लोग अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से 17 की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
‘सिन्हुआ’ ने बताया कि पुलिस ने इलाके को घेर लिया है और इस इमारत के आसपास के 30 फ्लैट को खाली करा लिया है। लोगों को इमारत के पास जाने से बचने की सलाह दी जा रही है। इमारत को चारो तरफ से ढक दिया गया है।
हादसे में कितने ही लोग बेघर हो गए हैं। उन्हें राहत केंद्रों में रखा गया है। लंदन के हर हिस्से से लोग हादसे के पीड़ितों की मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं। कोई खाना ला रहा है तो कोई कपड़ा दे रहा है। धन देने वालों की भी कमी नहीं है।
राहत कार्य में लगे एक स्वयंसेवक भूपेंद्र सिंह ने ‘बीबीसी’ से कहा कि ऐसे ही समय में हम लंदन वालों का सर्वश्रेष्ठ सामने आता है। इन्हीं लम्हों में आपको अहसास होता है कि इंग्लैंड में रहना कितना अच्छा है और एक लंदन वाला होना कितना अच्छा है।