बीएन विश्वविद्यालय में जुटे भौतिक विज्ञान के शोधार्थी
बादल नहीं रहे तो उदयपुर मंे भी दिखेगा नजारा
सबगुरु न्यूज उदयपुर। 12 अगस्त की रात को पूरी दुनिया के खगोलविज्ञानियों की नजर आसमान पर रहेगी। आसमान में नजर आने वाले उल्कापात का अध्ययन करने के साथ कई लोग इस नजारे को भी देखना चाहेंगे। लोग इसे टूटते तारे की संज्ञा दे रहे हैं, और यह नजारा जीवन में बार-बार देखने को भी नहीं मिलता, ऐसे में इसके प्रति सभी की जिज्ञासा है।
राजस्थान के उदयपुर में भी इसे लेकर जिज्ञासा है। सामान्य लोग इसे खुली आंखों से देखने की इच्छा रखते हैं तो शोधार्थियों के लिए यह प्रायोगिक अध्ययन का बेहतरीन अवसर है। इसके लिए उदयपुर के बीएन विश्वविद्यालय में तैयारियां भी कर ली गई हैं।
उदयपुर के जाने-माने खगोल शास्त्री प्रोफेसर एस.एन.ए. जाफरी के नेतृत्व में भौतिक विज्ञान के शोधार्थियों की टीम भी इस उल्कापात का अध्ययन करने में जुट गई है। गुरुवार रात से यह काम शुरू कर दिया गया। सभी जरूरी उपकरणों के साथ भौतिक विज्ञान विभाग के सहविभागाध्यक्ष डाॅ. देवेन्द्र पारीक व दो शोधार्थी लगे हुए हैं।
इस सम्बंध में प्रो. एस.एन.ए. जाफरी ने बताया कि यदि बादल नहीं रहे तो खुली आंखों से उदयपुर के आसमान में भी यह नजारा देखा जा सकेगा। लेकिन, उनका उद्देश्य उल्कापात से उत्पन्न होने वाली विभिन्न किरणों का अध्ययन करना है। इससे वे यह निष्कर्ष निकाल पाएंगे कि ब्रह्माण्ड से आने वाले इन टुकड़ांे में कौन-कौन से तत्व हैं और किस मात्रा में हैं। इसका पता गामा, अल्फा आदि किरणों के गणितीय अध्ययन से लगाया जाएगा। इससे खगोल विज्ञान के अध्ययन में विद्यार्थियों को काफी मदद मिलेगी। यह अध्ययन भविष्य में भी शोधार्थियों के लिए महत्वपूर्ण होगा।