उदयपुर। खान विभाग महाघूसकांड मामले में अगली सुनवाई 1 अप्रेल को होगी। इस दिन आरोपियों के खिलाफ तय किए गए आरोप पर बहस चार्ज होगा साथ ही अभियोजन पक्ष को कहा गया है कि प्रमुख शासन सचिव खान विभाग के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति पेश करे।
मोहम्मद शेर खान की बंद पड़ी माइंसों को चालू करने की एवज में अवैध रूप से 2.55 करोड़ रूपए के महाघूसकांड मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे तत्कालीन प्रमुख शासन सचिव खान एवं पेट्रोलियम विभाग डॉ. अशोक सिंघवी, तत्कालीन अतिरिक्त निदेशक खान एवं भू विज्ञान विभाग पंकज गहलोत, तत्कालीन अधीक्षण अभियन्ता खान विभाग भीलवाड़ा पुष्करराज आमेटा एवं दलाल संजय सेठी की शनिवार को रिमांड अवधि पूर्ण होने पर केंद्रीय कारागृह से न्यायालय में लाया गया।
अभियोजन अधिकारी गणेश शंकर तिवारी के जरिये इन आरोपियों को विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण मामलात) के पीठासीन अधिकारी सुनील कुमार पंचोली के समक्ष पेश किया। जहां पर इन सभी आरोपियों को पुन: एक अप्रेल को न्यायालय में पेश करने के निर्देश दिए।
इस मामले में आरोपियों पर भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7, 8, 9, 10, 12, 13 (1) (ए)(सी)(डी), 13 (2), 14 और भादसं की धारा 120 बी व 409 का आरोप है। इस मामले में अन्य आरोपी मोहम्मद रशीद खां, सीए श्याम सुंदर सिंघवी व धीरेंद्र सिंह उर्फ चिंटू जमानत पर रिहा हो चुके है जबकि खान मालिक मोहम्मद शेर खान के निधन से उसके खिलाफ गत पेशी पर कार्यवाही ड्रॉप कर दी गई।
अभियोजन पक्ष को निर्देश दिए कि डॉ. अशोक सिंघवी के खिलाफ केंद्र सरकार से अभियोजन स्वीकृति लाकर अदालत में पेश करे साथ ही मामले में जुड़ी एफएसएल रिपोर्ट के अलावा मामले की तितम्बा चार्जशीट भी पेश करने के अनुसंधान अधिकारी को निर्देश दिए गए है। आगामी एक अप्रेल को इन आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए बहस चार्ज होगी।
स्मरण रहे इस मामले में लिप्त अन्य सरकारी अधिकारी पंकज गहलोत, पुष्करराज आमेटा के खिलाफ न्यायालय में अभियोजन स्वीकृति पेश की जा चुकी है, जबकि अशोक सिंघवी के खिलाफ भादसं की धारा 120 बी व 409 में राज्य सरकार की ओर से अभियोजन स्वीकृति मिलने पर पेश कर दी गई है। केवल सिंघवी के खिलाफ भ्रष्टाचार मामलों में ही केंद्र सरकार से स्वीकृति आनी शेष है।