सबगुरु न्यूज-सिरोही। माउण्ट आबू टूरिज्म को लेकर गत दौरे में विपक्ष के निशाने पर रहे प्रभारी मंत्री राजेन्द्र राठौड का माउण्ट आबू टूरिज्म का शौक कम होता नहीं दिख रहा है।। उन्हें सिरोही जिला मुख्यालय समेत शेष इलाकों की बजाय माउण्ट आबू में टूरिज्म करते हुए मुख्यमंत्री की तैयारियों की समीक्षा करने की सूझ रही है।
राठौड प्रभारी मंत्री के रूप में दूसरी बार सिरोही आ रहे हैं। इससे पहले 26-28 जून तक सिरोही जिले में थे। इस दौरान भी इनका कार्यक्रम तो सिरोही में था, लेकिन इनका दो रात्रि विश्राम माउण्ट आबू में ही हुआ था। ऐसे में लाव लश्कर के साथ पेट्रोल-डीजल में जनता के धन की बर्बादी मुख्यमंत्री की मितव्ययिता के संदेश को दरकिनार कर रही है। मुख्यमंत्री के आगमन की तैयारियों की व्यस्तता के बीच माउण्ट आबू में मुख्यमंत्री के आपका जिला आपकी सरकार अभियान की तैयारियों की मीटिंग स्थल से परेशानी में तो हैं, लेकिन पसोपेश यह है कि हाकिम के आदेश के आगे बोले कौन।
-तैयारियों के बीच परेशान होगा प्रशासन
किसी भी परिस्थिति में सिरोही से माउण्ट आबू की या़त्रा दो घंटे से कम नहीं है। आना और जाना मिलाकर कुछ चार घंटे। मुख्यमंत्री का अधिकांश कार्यक्रम सिरोही और जिले के मैदानी इलाकों में ही है। इतने अधिकारियों के आने जाने में पेट्रोल-डीजल के रूप में जनधन की जो बर्बादी होगी सो अलग।
प्रभारी मंत्री राठौड का माउण्ट आबू में मंगलवार को माउण्ट आबू पुस्तकालय में बैठक लेने की सूचना जारी हो चुकी है। हां, यदि माउण्ट आबू बैठक करने से वहां की सालगावं बांध, 133 केवी की विद्युत लाइन, जोनल मास्टर प्लान, अनादरा प्वाइंट से भैरूतारक धाम तक रोप-वे, माउण्ट आबू के सौदर्यीकरण और टूरिस्म विकास के कुछ काम पर काॅन्क्रीट निर्णय होते तो यह बैठक कोई औचित्यपूर्ण भी है। वैस इन बस विषयों पर भी जिला मुख्यालय पर ही बैठक करके काम किया जा सकता है, जैसा कि अब तक होता आया है।
-रहे हैं विपक्ष के निशाने पर
चिकित्सा मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री राजेन्द्र राठौड का जिले की समस्याओं से ज्यादा माउण्ट आबू में टूरिज्म करना सिरोही कांग्रेस के निशाने पर रहा है। आम जनता में भी राठौड की यह कार्यप्रणाली चर्चा और निंदा का केन्द्र रही है।