नई दिल्ली। देशभर में केंद्र सरकार के अस्पतालों में अब खादी के सामानों का इस्तेमाल किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर में केंद्र सरकार के अस्पतालों से कहा है कि वो साबुन से लेकर डॉक्टरों के कोट और बाथ लिनन सरीखे सामान खादी भंडार का उपयोग करें।
अनुमान लगाया जा रहा है कि इस आदेश के बाद करीब 150 करोड़ रुपए के खादी उत्पादों की खरीद की संभावना है। हाल ही में जारी किए आदेश में देश के कम से कम 23 अस्पताल शामिल हैं।
मिली जानकरी के अनुसार इस आदेश के तहत अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान या (एम्स) के अलावा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट चंडीगढ़ (पीजीआई चंडीगढ़), जवाहर लाल नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल रिसर्च एजुकेशन एंड रिसर्च, पुडुचेरी (जेआईपीएमईआर पुडुचेरी) और निमहंस बेंगलुरु सरीखे अस्पताल शामिल हैं।
सभी अस्पतालों को भेजे गए आदेश की प्रति में 45 सामानों की सूची है, जिन्हें इन अस्पतालों और स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़ी स्वतंत्र संस्थाओं की ओर से प्रयोग में लाया जाना है।
इस आदेश में कंबल, तमाम तरह के साबुन, पर्दे, मरीजों और डॉक्टरों के लिए गाउन सरीखी वस्तुएं शामिल की गई हैं। यह सूची बीते साल बनाई गई कमेटी की सिफारिशों पर तय की गई है।
गौरतलब है कि खादी के प्रमोशन के लिए जिम्मेदार संस्थान खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के लिए सबसे बड़ा संस्थागत ऑर्डर है। मोदी सरकार आने के बाद केवीआईसी ने तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) और भारतीय रेलवे सरीखे विभागों से करीब 94 करोड़ रुपए का ऑर्डर मिल चुका है।
केवीआईसी के चेयरमैन वीके सक्सेना ने मंत्रालय के इस आदेश पर मुहर लगाते हुए कहा कि इसके जरिए खादी में काम करने वालों को एक बड़ा लाभ मिलने की संभावना है।