अजमेर। पृथ्वीराज फाउंडेशन एवं इंटैक चेप्टर अजमेर के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को पुष्कर रोड स्थित वृंदावन गार्डन में उर्दु अदब के महान् शायर मिर्जा असद उल्लाखा ‘गालिब’ की 220वीं जन्म जयंती मनाई गई।
इस अवसर पर डॉ. मोहम्मद आदिल, सहायक नाजिम दरगाह ख्वाजा साहब ने उनके जीवन से जुड़े विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गालिब साहब का संबंध अजमेर से भी रहा।
तत्कालीन अजमेर के सेठ अब्दुल्ला खां गालिब साहब को पेंशन भेजा करते थे। इसीलिए गालिब साहब ने अब्दुल्ला खां साहब का शुक्रिया भी अदा किया। इसी बात को स्व. डॉ. केडी खान साहब एवं राजकीय संग्रहालय के तत्कालीन अधीक्षक सैयद आजम हुसैन ने अलवर म्यूजियम में रखे गालिब के खतों के हवाले से जिक्र किया है।
साहित्य अकेडमी में मिर्जा गालिब पर काम करने वाली डा. कमला गोकलानी ने भी अपने विचार रखे। वे कहती है कि हैं और भी दुनिया में सुखनवर बहुत अच्छे कहते है कि गालिब का अंदाजे बंया और। उन्होंने बताया किया कि गालिब ने दर्द, पीड़ा, प्यार, मोहब्बत और फकीरी आदि सभी को आत्मसात कर लिया था और उसके नकारात्मक पहलू को भी खूब एंजाॅय किया। उन्होंने गालिब के कई शेर सुनाकर महफिल को रूहानी बना दिया।
प्रोफेसर ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि गालिब मुगल और अंग्रेजी राज के समय हुए। उनके सामंती ठाठबाठ थे, किंतु जीवन फकीरी में भी रहा। साहित्यकार डा. पूनम पांडे ने कहा कि गालिब की विरासत आज भी उनके मुरीदों के दम पर इसलिए पल्लिवत और पुष्पित हो रही है क्योंकि गालिब एक दर्शन थे। उनकी समूचे विचारधारा में कश्मीर से कन्याकुमारी तक की भारतीय भावना आज भी हिलोरे ले रही है।
इन्टैक अजमेर चेप्टर के कन्वीनर महेन्द्र विक्रम सिंह ने गालिब के आशिकी, फकीरी मिजाज से जुड़े पहलूओं पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर मुकेश भार्गव, धवनी मिश्रा, डा. केके शर्मा आदि ने भी अपने विचार रखे। इससे पूर्व कार्यक्रम का आगाज महफिल में शमा जलाकर किया गया।
अंत में कार्यक्रम संयोजक दीपक शर्मा ने सभी का आभार जताया। उन्होंने बताया कि पृथ्वीराज फाउंडेशन की ओर से गालिब जयंती का आयोजन अजमेर में सन् 2013 से निरंतर किया जा रहा है।
कार्यक्रम में यश मेहता, राजकुमार नाहर, रूपश्री जैन, रविकांत शर्मा, ऋषिराज सिंह, नदीम खान, संदीप पांडे, संजय सेठी, अनिता भार्गव, कुसूम शर्मा, पूजा शर्मा, हिना खत्री, गिरीश बिंदल आदि भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन फाउंडेशन के अनिल जैन ने किया।