मीरजापुर। संपत्ति की हवस में इंसान नैतिकता का पतन इस कदर हो गया है कि रिश्तों का कत्ल करने में भी उसके तनिक भी झिझक नहीं होती। चुनार पुलिस ने दो सगे भाईयों को अपने पिता की हत्या करने के जुर्म में गिरफ्तार किया। पुलिस अधीक्षक अरविंद सेन ने सोमवार को अपरान्ह पिता के कातिल पुत्रों को पत्राकारों के समक्ष पेश किया।
विगत 27 अप्रेल की रात चुनार कोतवाली क्षेत्रा के भौरही गांव निवासी गिरजा सिंह की नृशंस हत्या समीप के पफुलवरिया नाले में कर दी गई। मृतक के पुत्र अभिषेक उपर्फ शेरू सिंह ने 28 अप्रेल को चुनार कोतवाली में पुस्तैनी जमीन को लेकर अपने पट्टीदारों से चल रहे विवाद के कारण पट्टीदार विनय सिंह पुत्रा अमरेश बहादुर, संजय सिंह पुत्रा हरिराम, श्याम सुंदर सिंह पुत्रा श्रीराम व छोटे लाल सिंह पुत्रा सर्वजीत को पिता का कातिल बताते हुए उनके खिलापफ मुकदमा पंजीकृत कराया।
हत्या की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए पुलिस अधीक्षक सेन ने क्राइम ब्रांच प्रभारी विजय प्रताप सिंह को पूरी टीम के साथ प्रभारी निरीक्षक चुनार कमलेश्वर सिंह को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए हत्या कांड के पर्दापफास की जिम्मेदारी सौपी।
पुलिस टीम ने घटना से संबंधित लोगों के मोबाइल नम्बर को सर्विलांस के माध्यम से खंगालना शुरू किया तो घटना के समय घटना स्थल पर मृतक दोनों पुत्रों के मोबाइलों का लोकेशन सर्विलांस द्वारा मिल रहा था। इतना ही नहीं घटना की रात दोनों नम्बरों का लोकेशन हलिया से शुरू हुआ और घटना स्थल पर आकर पुनः रातो रात हलिया पहुंच गया।
पुलिस ने सर्विलांस एवं अपने सूत्रों से घटना की पड़ताल करते हुए मृतक के दोनों पुत्रों अभिषेक व नन्दू सिंह को पकड़ उनसे गहन पूछताछ शुरू की तो दोनों टूट गए और अपने पिता की हत्या करने की बात कुबूल करते हुए बताया कि अपने पट्टीदारों से त्रास्त होने व पिता के व्यवहार के कारण अपनी मनमर्जी न कर पाने से पिता के प्रति भारी आक्रोश व्याप्त था।
पिता व पट्टीदारों से छुटकारा पाने के लिए दोनों भाइयों ने विचार करना शुरू किया तो उनका जीजा आशीष भी उनके साथ मिलकर ब्यूह रचना शुरू की और ऐसी योजना बनाई कि पिता से भी छुटकारा मिल जाय और पट्टीदार भी फंस जाए। इन दिनों पिता को छोड़ पूरा परिवार हलिया थाना क्षेत्रा के मलोखर स्थित पाही पर रह रहा था।
घटना के दो दिन पूर्व भी दोनों भाई पाही से अपने गांव साजिश को अंजाम देने आए परन्तु उस दिन सफलता नहीं मिली। दो दिन के पश्चात 27 अप्रेल की रात अपने जीजा आशीष के सहयोग से दोनों भौरहीं स्थित अपने घर पहुंचे। दोनों भाईयों ने पिता के साथ बैठकर शराब पी तथा पिता को कुछ ज्यादा ही पिला दिया।
जब पिता पूरी तरह शराब के नशे में हो गया तो दोनों उसे लेकर गांव के समीप पफुलवरिया नाला ले जाकर अपने पास रखी छेनी से पिता के गले पर कई वार किया और जब गले से खून की धारा बहने लगी तो दोनों भाई उसे वही छोड़ वापस हलिया के लिए निकल गए और दूसरे दिन अपने पट्टीदारों के खिलापफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। इस जघन्य हत्या कांड के अभियुक्तों को गिरफ्तार करने वालों में क्राइम ब्रांच प्रभारी विजय प्रताप सिंह व उनकी टीम एवं प्रभारी निरीक्षक चुनार कमलेश्वर सिंह आदि शामिल रहे।