नई दिल्ली। बॉलीवुड में लोक कथाओं पर कई फिल्में बनीं है और इस फेहरिस्त में अब ‘मिर्जिया’ का नाम भी शामिल हो गया है जो की पंजाब की लोककथा मिर्जा-साहिबां पर आधारित है।
इस फिल्म का निर्देशन किया है राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने और इस फिल्म से हर्षवर्धन कपूर और सैयामी खेर अपनी फिल्मी पारी की शुरुआत कर रहे हैं। फिल्म में अनुज चौधरी, अंजली पाटिल, ओम पुरी, के.के. रैना और आर्ट मलिक जैसे सितारे भी हैं। फिल्म की पटकथा को जाने माने गीतकार गुलजार ने लिखा है उन्होंने 17 वर्षों बाद किसी फिल्म की पटकथा लिखी है।
कहानी:-
‘मिर्जिया’ कहानी है एक बड़े पुलिस अधिकारी की बेटी सुचित्रा (सैयामी खेर) और एक साधारण परिवार के लड़के मोनीष (हर्षवर्धन कपूर) की जो बचपन में स्कूल के दिनों से एक दूसरे को बहुत चाहते हैं। एक अपराध के कारण मोनीष को बाल सुधार गृह भेज दिया जाता और उधर दूसरी तरफ सुचित्रा भी शहर छोड़ कर कहीं दूर चलीं जाती है।
दोनों अलग होते है लेकिन होनी को कुछ और मंजूर होता है और दोनों की मुलाकात एक बार फिर होती है। यह मुलाकात ऐसे समय में होती है जब सुचित्रा की शादी एक राजकुमार से होने वाली होती है और मोनीष राजकुमार के यहां ही काम कर रहा होता।
बाल सुधार गृह से भागने के बाद मोनीष लोहारों की बस्ती में आ जाता है और उसका नाम आदिल हो जाता है शायद इसलिए पहली नजर में सुचित्रा मोनीष को नहीं पहचान पाती लेकिन उसे जब पता चलता है कि आदिल ही मोनीष है तो उसका पुराना प्यार फिर से जाग उठता है।
दोनों का प्यार कैसे परवान चढ़ता है यह जानने के लिये फिल्म देखना जरूरी है। फिल्म में इस कहानी के साथ एक और प्लॉट चलता है जहां सुचित्रा और मोनीष के प्यार की तुलना मिर्जा-साहिबा की कहानी से की जाती है।
निर्देशन :-
राकेश ओम प्रकाश मेहरा बॉलीवुड में उन चुनिंदा निर्देशकों में है जो फिल्म बनाने में काफी समय लेते है लेकिन उनकी फिल्में कमाल की होती है बात चाहे ‘अक्स’ की हो या फिर ‘रंग दे बसंती’, ‘दिल्ली-6’ और ‘भाग मिल्खा भाग’। ऐसा ही कुछ इस ‘मिर्जिया’ के साथ भी हुआ है जिसे बनाने में उन्होंने पांच साल का वक्त लिया और पर्दे पर उनकी मेहनत रंग लाती भी दिखी। फिल्मी की कहानी के दोनों प्लॉटों को वह जोडऩे में कामयाब रहे। फिल्म की ज्यादातर शूटिंग राजस्थान के रेगिस्तान और लेह-लद्दाख जैसे जगहों पर हुई है जोकि पर्दे पर कमाल की दिखती है।
अभिनय :-
फिल्म के दोनों मुख्य किरदार हर्षवर्धन कपूर और सैयामी खेर ऐसे परिवार से है जिसने बॉलीवुड को कई सितारें दिये हैं। पहली फिल्म से ही दोनों पर अच्छा करने का दबाव है।’मिर्जियाÓमें दोनों के किरदारों के दो रंग है एक तरफ वह आज के दौर के किरदारों को निभा रहे है तो वहीं दूसरी तरफ मिर्जा-साहिबा के किरदार को। दोनों किरदारों में जमीन-आसमान का फर्क है लेकिन दोनों ने इसे शानदार तरीके से निभाया है।
मिर्जा-साहिबा के किरदार में दोनों कमाल के लगे तो वही सुचित्रा और मोनीष के किरदार को भी उन्होंने सहजता से निभाया और ओवरएक्टिंग करने से बचे। दोनों मुख्य किरदारों के अलावा अनुज चौधरी, अंजली पाटिल, ओमपुरी और के.के. रैना और आर्ट मलिक ने भी अपने किरदारों को बखूबी निभाया है। कई जगहों पर तो अनुज और अंजलि, हर्षवर्धन और सैयामी पर भी भारी पड़े।
गीत-संगीत:-
फिल्म में संगीत दिया है शंकर, एहसान, लॉय की तिकड़ी ने और उन्हें गाया है दलेर मेहंदी ने। फिल्म में छोटे-बड़े कुल 15 गाने है जो कर्णप्रिय लगने के साथ साथ कहानी को आगे बढ़ाते है। फिल्म का बैंकग्राउंड स्कोर भी कमाल का है।
देखे या न देखे:-
बॉलीवुड में मिर्जा-सहिबा के प्यार से प्रेरित यह पहली फिल्म है। अभिनय और शानदार निर्देशन के साथ साथ फिल्म का छायांकन भी कमाल का है। ऐसे खूबसूरत लोकेशन आप ने बॉलीवुड फिल्मों ने शायद ही देखा हो। फिल्म में वीएफएक्स का भी इस्तेमाल शानदार तरीके से किया गया है। थोडी निराशा हुई तो गुलजार साहब से,कि जो बात वह अपने गीतों के जरिये करते है वह बात उतने असरदार ढंग कहानी में नहीं उतर पाई।
रेटिंग:-
अच्छे अभिनय, निर्देशन और शानदार लोकेशन के लिये इस फिल्म को पांच में से तीन स्टार (3*/5*)