रायपुर।। सुकमा जिले से सोमवार शाम लापता हुए कनाडा के नागरिक जॉन सजलाक नक्सलियों द्वारा समर्थित जन मिलिशिया के कब्जे में हैं।
सजलाक साइकिल अभियान पर थे और जिस समय उनके लापता होने की खबर आई तब वह सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों से गुजर रहे थे। उनका संबंध कनाडा के संगठन इमिग्रेशन रिफ्यूजी सिटिजन से है और वह 14 मार्च को मुंबई से इस अभियान पर निकले थे।
सजलाक ने बस्तर में स्थानीय प्रशासन को अपने इस अभियान के बारे में जानकारी नहीं दी थी। खुफिया विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्हें अंतिम बार रायपुर से 450 किलोमीटर दूर सुकमा जिले के सिंगामाडू में देखा गया था।
सोमवार देर शाम से सजलाक के बारे में कोई खबर नहीं थी जिसके बाद कनाडा दूतावास, विदेश मंत्रालय और छत्तीसगढ़ सरकार हरकत में आई। दूतावास ने एक बयान में कहा कि उसे इस बात की खबर मिली है कि कनाडा के एक नागरिक का अपहरण कर लिया गया है।
पुलिस के विशेष महानिदेशक (नक्सल विरोधी अभियान) डी एम अवस्थी ने इस बात से इनकार किया कि सजलाक का अपहरण हो गया है। उन्होंने कहा कि उनका पता नहीं चल पा रहा था लेकिन पुलिस ने उन्हें देखा है।
वहीं बस्तर रेंज के आईजी पी सुंदरराज का कहना है कि जान का पता चल चुका है और वह सुरक्षित है। हालांकि पुलिस सजलाक के बारे में खुलासा नहीं कर रही है लेकिन विश्वसनीय सूत्र बता रहे हैं कि वह नक्सलियों की गांव स्तर की इकाई जन मिलिशया के कब्जे में हैं।
अधिकारियों ने इसके संकेत तो दिए हैं साथ ही वे सजलाक की सुरक्षित वापसी पर जोर दे रहे हैं। सुकमा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने कहा कि सजलाक सुरक्षित और स्वस्थ हैं। उन्होंने कहा कि गांववालों ने उन्हें रोककर उनसे पूछताछ की क्योंकि वह संदिग्ध लग रहे थे।
उन्होंने कहा कि हम वनवासियों और व्यापारियों के जरिये गांववालों को यह बता रहे हैं कि सजलाक पुलिस या कानून का पालन कराने वाली किसी अन्य एजेंसी से नहीं जुड़े हैं। पुलिस अधीक्षक ने उम्मीद जताई कि पूछताछ के बाद गांववाले सजलाक को बुधवार शाम या गुरूवार सुबह तक छोड़ देंगे।