इलाहाबाद। भाजपा कार्यसमिति की बैठक वैसे तो 10 बजे से शुरू हुई, लेकिन सूत्रों की माने तो तय समय से पूर्व एक घंटे तक राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पदाधिकारियों के साथ अनौपचारिक बैठक एक बंद कमरे में की। जानकारी के मुताबिक मिशन यूपी जीतने पर चर्चा।
केपी ग्राउंड में कार्यसमिति की तय समय से पूर्व एक बैठक पदाधिकारियों के साथ की। जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बंद कमरे में सभी को आगामी 2017 में यूपी सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की गई।
पार्टी सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक पदाधिकारियों को राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यूपी में पार्टी का परचम लहराने का मंत्र दिया। रणनीति तय की गई कि पार्टी की उपलब्धियों के साथ सपा की हर मोर्चे पर नाकाम सरकार का चेहरा जनता के सामने लाया जाएगा।
कोर कमेटी को आरएसएस की संगठनात्मक घुट्टी!
राष्ट्रीय कार्यसमिति सोमवार को 9:55 बजे से होनी थी, लेकिन 9 बजे कोर कमेटी बैठ गई। किसी भी बैठक में पहले ऐसा होते नहीं देखा गया है। दो दिनों से इलाहाबाद में डेरा डाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह कृष्णगोपाल जब बैठक में शामिल हुए तो कयासों का बाजार गर्म हो गया।
सूत्र बता रहे हैं कि कृष्णगोपाल ने पार्टी रणनीतिकारों को संगठनात्मक घुट्टी पिलाई। नीतिगत प्रस्ताव के कुछ बिन्दुओं पर भी चर्चा की और उन्हें दृष्टि दिया। हालांकि कृष्णगोपाल के कंधों पर आरएसएस का भाजपा के साथ समन्वय बिठाने की जिम्मेदारी भी है।
सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री मोदी की छोड़कर कोर कमेटी के सभी प्रमुख पदाधिकारी इस बैठक में मौजूद रहे। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ कोर कमेटी व अन्य पदाधिकारी भी कार्यसमिति की बैठक के तकरीबन डेढ़ घंटे पूर्व कोर कमेटी बैठक स्थल पर पहुंच गए।
सूत्रों की मानें तो कार्यसमिति की बैठक में आज पारित होने वाले दो प्रस्तावों पर चर्चा के अलावा संगठनात्मक व नीतिगत फैसलों पर भी विचारों का आदान-प्रदान हुआ। फिलहाल इसमें आरएसएस सह-सरकार्यवाह और भाजपा के साथ समन्वय की जिम्मेदारी का निर्वहन करने वाले कृष्णगोपाल की उपस्थिति ने कई अहम सवाल खड़े कर दिए हैं।