आइजोल। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को कहा कि भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के लिए मिजोरम का अहम स्थान है। उन्होंने कहा कि मिजोरम पूर्वोत्तर के अन्य प्रातों को दक्षिण-पूर्व एशिया के हमारे पड़ोसियों और शेष भारत के साथ जोड़ेगा।
शहरी गरीबी योजनाओं के लिए मूलभूत सेवाओं के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो के लिए यहां एक भवन परिसर का उद्घाटन करने के बाद राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की एक्ट ईस्ट नीति के लिए मिजोरम का अहम स्थान है।
यह राज्य पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों को दक्षिण-पूर्व एशिया के हमारे पड़ोसियों और शेष भारत के साथ जोड़ेगा। यही कारण है कि भारत सरकार इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचा व संपर्क की परियोजनाओं पर खास ध्यान दे रही है।
भारत की ‘एक्ट ईस्ट नीति’ के तहत एशिया-प्रशांत क्षेत्र में विस्तारित पड़ोसी इलाकों को तवज्जो दिया जा रहा है। मूल रूप से एक आर्थिक पहल के रूप प्रकल्पित इस नीति से राजनीतिक, रणनीतिक और सांस्कृतिक आयामों में लाभ मिला है, जिसमें वार्ता व सहयोग के लिए संस्थागत तंत्र की स्थापना शामिल है।
उन्होंने कहा कि इस सीमांत प्रांत में व्यापार बढ़ने से हर किसी को फायदा होगा। पूर्वोत्तर भारत के अन्य क्षेत्रों की तरह मिजोरम में भी अवसर पैदा करने की जरूरत है।
राष्ट्रपति ने कहा कि मिजोरम के पास देने को बहुत कुछ है। समुचित ढंग से उपयोग में लाने से बांस एक अनोखी फसल साबित हो सकता है। इससे विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं और अनेक लोगों को रोजगार मिल सकता है।
कोविंद बुधवार को अपने पहले दो दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे थे। लेंगपुई हवाईअड्डे पर आगमन के बाद उन्होंने वहां गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया। राष्ट्रपति गुरुवार को मिजोरम विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करेंगे।
कोविंद ने कहा कि मिजोरम सरकार की ओर से शुरू की गई नई भूमि उपयोग नीति(एनएलयूपी) और नई आर्थिक विकास नीति जैसे दोनों कार्यक्रमों के प्रशंसनीय नतीजे आए हैं।