जयपुर। राजस्थान विधानसभा में शून्यकाल के दौरान राजपा विधायक डॉ. किरोडलाल मीणा और विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
लालसोट से राजपा विधायक डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए सवाई माधोपुर- टोंक में बनास नदी क्षेत्र में अवैध बजरी खनन का मुदृा उठाया लेकिन शोर शराबे के बाद यह अहम मुद्दा तकरार बदल गया।
मीणा और विधानसभा अध्यक्ष के बीच जमकर तकरार हुई। सत्तापक्ष के विधायकों ने मीणा की टिप्पणी को आसन को धमकाने वाला व्यवहार बताते हुए उन्हें बाहर निकालने तक की मांग कर डाली।
वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने सख्त लहजे में मीणा को धोखेबाजों का मास्टर बताते हुए कहा कि मैं आपको जानता है कि आप अखबारों की सुर्खियों में आने के लिए ऐसा करते हैं। तो वहीं मीणा ने आसन पर भ्रष्ट सरकार को बचाने का आरोप लगाया।
मीणा ने पूछा कि 2013 में हुई थी 109 बजरी खानों की नीलामी हुई थी लेकिन आज तक एग्रीमेंट नहीं हुआ। खानों की पर्यावरण क्लीयरेंस नहीं हुई। बिना क्लीरियंस के खनन हो रहा है। 5 साल में 50 हजार करोड़ का सरकार को राजस्व घाटा हो चुका है।
किसान के एक ट्रैक्टर बजरी लाने पर लगाई जाती 27 हजार रूपए की पैनल्टी लगाई जा रही है। इस मामले में खान राज्यमंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह ने कहा कि जिस ठेकेदार के पूरे बनास नदी क्षेत्र में अवैध खनन की बात कही जा रही है उसे सरकार ने नहीं, हाईकोर्ट ने अस्थायी खनन की अनुमति दी है।
उन्होंने कहा कि जुर्माना, मंजूरी, रॉयल्टी फीस सहित कई मदों में सरकार लीजधारकों से 1140 करोड़ ले चुकी है तो राजस्व का नुकसान नहीं हुआ।
पिछली सरकार में कुल मिलाकर 11 हजार करोड़ का राजस्व आया था और हमने अभी तक 12 हजार करोड़ का राजस्व ले लिया है। साथ ही अवैध खनन रोकने के लिए अतिरिक्त निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है उसकी रिपोर्ट के आधार पर सख्त कार्रवाई करेंगे।