कांकेर। दुष्कर्म पीड़ित किशोरी को न्याय दिलाने का भरोसा देने उसके घर पहुंचे गुंडरदेही विधायक राजेंद्र कुमार राय ने पीड़िता व उसके परिजनों के साथ अपनी फोटो वाट्सएप पर डाल दी।
वायरल फोटो से पीड़िता की पहचान उजागर हो गई है, जो सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का उल्लंघन है। राज्य महिला आयोग ने मामले को संज्ञान में लिया है।
बालोद के एक गांव की 13 साल की किशोरी का अपहरण कर दो आरोपियों ने दुष्कर्म किया था। इनमें से एक को पुलिस ने पकड़ लिया है। जोगी समर्थक विधायक राय रविवार को दुष्कर्म पीड़िता के घर पहुंचे।
परिजनों को ढांढस बंधाया, न्याय दिलाने का वादा किया। फिर ग्रुप फोटो खींचकर वाट्सएप पर पोस्ट कर दी साथ ही पीड़िता का गांव, कक्षा आदि की जानकारी सहित विज्ञप्ति मीडिया कर्मियों भेज प्रकाशित करने का अनुरोध कर डाला।
राज्य महिला आयोग से इसकी शिकायत की गई है। इस पर अध्यक्ष हर्षिता पांडेय ने मामले को संज्ञान में लेते हुए कहा है कि जांच के बाद विधायक को नोटिस दिया जा सकता है।
इधर जिला कांग्रेस कमेटी बालोद के अध्यक्ष अभिषेक शुक्ला का कहना है कि पूर्व पुलिस अफसर राय ने जानबूझकर ऐसा किया है, मकसद सिर्फ राजनीति चमकाना है। नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा कि यदि ऐसा हुआ है, तो गलत है।
ऐसे मामलों में न्यायालय का कड़ा निर्देश है, खुद न्यायालय भी पहचान छुपाता है। विधायक, गुंडरदेही आरके राय ने बताया कि पीड़िता व उसके परिजनों पर कुछ बड़े लोग लगातार दबाव बना रहे हैं, इसलिए हौसला बढ़ाने उनके घर गया था। मनोबल बढ़ाना उद्देश्य था, पहचान उजागर करना नहीं।