मुंबई। बृहन्मुंबई नगर निगम में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के छह पार्षदों के पाला बदलकर शिवसेना में शामिल होने के मामले में एक नया मोड़ सामने आया है।
एमएनएस के एक पार्षद संजय आर. तुर्डे ने गुरुवार को कहा कि पिछले हफ्ते उन्हें भी शिवसेना में शामिल होने के लिए प्रलोभन दिया गया था। कुर्ला वार्ड से एमएनएस पाषर्द तुर्डे ने कहा कि उन्हें पार्टी के सहयोगी के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से प्रलोभन की पेशकश की गई थी, जिसमें उन्हें यह आश्वासन दिया गया था कि शिवसेना आपके करियर को बड़ा बढ़ावा देगी।
तुर्डे ने बताया कि मैंने महाराष्ट्र भ्रष्टाचार ब्यूरो को इस मामले की जांच के लिए एक लिखित शिकायत दी है। तुर्डे ने कहा कि यह सब 12 अक्टूबर की शाम को हुआ जब मुझे एक तरफ ले जाया गया और शिवसेना में शामिल होने के लिए प्रलोभन दिया गया। उन्होंने मुझे बताया कि यह मेरे राजनीतिक करियर के लिए एक अच्छा कदम होगा।
तुर्डे ने कहा कि उन्होंने उस प्रस्ताव को वहीं पर यह कहते हुए खारिज कर दिया एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे ने उन्हें बहुत कुछ दिया है और वह उन्हें धोखा नहीं दे सकते। उन्होंने साफ कर दिया कि वग अपना राजनीतिक करियर बढ़ाना तो चाहते हैं लेकिन अपने बलबूते पर न कि ऐसे राजनीतिक खेल खेलकर।
तुर्डे की शिकायत मुंबई के भारतीय जनता पार्टी के सांसद किरीट सोमैया द्वारा प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त निदेशक सत्यव्रत कुमार को भ्रष्टाचार, धनशोधन, लोकतंत्र-विरोधी गतिविधियों और अन्य अनियमितताओं में शिवसेना के शामिल होने के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लिखने के बाद आई है। एमएनएस और भाजपा ने शिवसेना पर छह एमएनएस पार्षदों को पैसे देकर अपनी पार्टी में शामिल करने का आरोप लगाया है।
एक हफ्ते पहले, राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर पहली बार सीधा निशाना साधा था। राज ने उद्धव पर 227 सदस्यों वाले बीएमसी में शिवसेना को मजबूती देने के लिए ‘एमएनएस पार्षदों की खरीद-फरोख्त’ को नीच (निम्न स्तर की) राजनीति बताया था।
उद्धव ठाकरे ने 13 अक्टूबर को बांद्रा ईस्ट में अपने निवास मातोश्री पर एमएनएस के इन छह पार्षदों का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए इसे घर वापसी करार दिया था।