शिलांग। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस नेतृत्व वाली मेघालय की संयुक्त गठबंधन सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यहां घोटाले के बाद घोटाले हुए हैं, जबकि उनकी भाजपा सरकार का लक्ष्य केवल विकास है।
उन्होंने दावा किया कि केंद्रीय निधि के बावजूद, राज्य सरकार ने किसी भी तरह का कोई विकास कार्य नहीं किया। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रपट के मुताबिक पिछले छह वर्षों में मेघालय सरकार ने 908 करोड़ रुपए का कोई उपयोग नहीं किया है।
यहां पोलो ग्राउंड में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने आरोप लगाया कि मेघालय में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की गठबंधन सरकार सार्वजनिक हित की सेवा देने के बजाए खनन माफियाओं के हित में कार्य कर रही है।
मोदी ने कहा कि मुझे दृढ़ता से महसूस हो रहा है कि मेघालय के लोग बेहतर शासन की अपेक्षा रखते हैं। समय आ गया है कि लोग कांग्रेस सरकार के कुशासन का जवाब दें।
प्रधानमंत्री शनिवार को मेघालय और मिजोरम के दौरे पर पहुंचे थे, जहां उन्होंने दोनों पूर्वोत्तर राज्यों में कई विकास परियोजनाओं का उद्धघाटन किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा का एजेंडा विकास, तेजी से विकास और सभी के लिए विकास है।
मोदी ने कहा कि सभी के विकास के लिए, भारतीय जनता पार्टी मेघालय को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की कोशिश करेगी। आने वाले चुनाव में लोगों को एक ऐसी सरकार का चुनाव करना चाहिए, जो काम करने और लोगों को सेवा देने के लिए तैयार हो। हमें मेघालय को एक जीवंत राज्य में बदलने के लिए मिलकर काम करना होगा।
मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने 15 वर्षों तक राज्य पर शासन किया, लेकिन शिलांग में लोगों को अभी तक सुरक्षित पेयजल प्राप्त नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कांग्रेस केवल घोटाले के बाद घोटाला करने में सफल रही है।
मोदी ने मुख्यमंत्री मुकुल संगमा पर तंज कसते हुए कहा कि वह एक चिकित्सक से राजनेता बनने वाले इंसान हैं।
प्रधानमंत्री ने दावा किया कि स्वास्थ्य क्षेत्र में मुख्यमंत्री का ज्ञान मेरे मुकाबले कहीं ज्यादा बेहतर है। लेकिन दुर्भाग्यवश मेघालय में स्वास्थ्य सेवा वास्तव में बेहद खराब स्थिति में है। यहां ऐसे स्वास्थ्य केंद्र हैं, जिनमें डॉक्टर और नर्स नहीं हैं। राज्य सरकार के अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है।
उन्होंने कहा कि राज्य के ग्रामीण इलाकों में कई बच्चे हैं, जहां बच्चों को अभी तक प्रतिरक्षित नहीं किया गया है। साथ ही स्वास्थ्य केंद्रों की भारी कमी है।
मोदी ने कहा कि मेघालय में 70 प्रतिशत प्राथमिक शिक्षक ‘अप्रशिक्षित’ हैं और सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में 1,700 शिक्षकों की कमी के कारण गलत लोगों की भर्ती की गई है।
प्रधानमंत्री ने 2011 में रेमबाई-बटाव-बोरखट-जलालपुर सड़क परियोजना की मंजूरी में कथित विफलता के लिए राज्य सरकार की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि देरी इसलिए हुई, क्योंकि राज्य सरकार ने परियोजना के लिए केंद्र द्वारा जारी धन पर उपयोग प्रमाण पत्र तक जमा नहीं किया।
हुरोई गांव के लोगों द्वारा 2018 विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने के फैसले पर, प्रधानमंत्री ने सवाल किया कि इस तरह के कठोर कदम उठाने के लिए एक दूरदराज के इलाके में गांव के निवासियों को किसने उकसाया है।