नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नई दिल्ली के द्वारका में एक विश्व स्तरीय अत्याधुनिक प्रदर्शनी-सह-सभा केंद्र के निर्माण को मंजूरी दे दी।
इसके लिए एक रुपए की मामूली राशि पर सभी बाधाओं से मुक्त द्वारका के सेक्टर-25 में 89.72 हेक्टेयर जमीन के औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) को मंत्रिमंडल के फैसले के 6 सप्ताह के भीतर हस्तांतरण किए जाने को मंजूरी दे दी।
यह एक विशेष मामला है इसलिए दिशानिर्देश डीडी अधिनियम, 1957 के खंड 21 (1) एवं अधिनियम के खंड 41(1) के तहत डीडीए को दिए जा सकते हैं। उपरोक्त जमीन का स्वामित्व एक विश्व स्तरीय अत्याधुनिक प्रदर्शनी-सह-सभा केंद्र के निर्माण के लिए औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग के पास रहेगा।
इस अत्याधुनिक प्रदर्शनी-सह-सभा केंद्र में प्रदर्शनी सभागार, सभा केंद्र, दावत कक्ष, सभा गृह, वित्तीय केंद्र, होटल, भोजन एवं पेय पदार्थ (एफएंडबी) विक्रय केंद्र एवं खुदरा सेवाओं जैसी स्वतंत्र एवं आपसी रूप से लाभदायक कई सुविधाएं होंगी।
गैर-पीपीपी ट्रंक ढांचागत लागतों के प्रारंभिक व्यय का वहन सरकार द्वारा किया जाएगा। यह परियोजना में हिस्सेदारी के जरिये केंद्र सरकार का योगदान हो सकता है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक पारदर्शी एवं प्रतिस्पर्धी तरीके से परियोजना संरचना निर्माण एवं विकास विकल्पों समेत परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग के सचिव, शहरी विकास मंत्रालय के सचिव, व्यय विभाग के सचिव, आर्थिक मामले विभाग के सचिव एवं नीति आयोग के सीईओ से निर्मित एक समिति के गठन को भी मंजूरी दे दी है।
इस परियोजना का विकास सार्वजनिक-नीति साझेदारी तरीके से किया जाएगा और अगर आवश्यकता हुई तो भारत सरकार के व्यवहार्यता अंतराल वित्त पोषण का उपयोग किया जाएगा।
डीआईपीपी को जमीन को लीज/सब-लीज करने तथा विभिन्न सुविधाओं के विकास एवं परिचालन के लिए निजी कंपनियों को रियायत देने की भी मंजूरी दी गई है। परियोजना स्थल में जमीन के मिश्रित उपयोग की अनुमति डीडीए/शहरी विकास मंत्रालय द्वारा त्वरित गति से दी जाएगी।
ईसीसी एवं समर्थक घटकों के विकास से 2021 तक कार्यक्रमों की संख्या के लिहाज से एशिया के हिस्से में 15 प्रतिशत तक की वृद्धि हो जाने की उम्मीद है। ऐसा अनुमान है कि प्रस्तावित ईसीसी सुविधा वार्षिक रूप से 100 से अधिक अंतरराष्ट्रीय एवं स्थानीय प्रदर्शनी कार्यक्रमों के लिए मांग पैदा करेगी।