नई दिल्लीं। केंद्रीय कर्मचारियों के लंबे इंतजार को समाप्त करते हुए सरकार ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने को अपनी मंजूरी दे दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का फैसला लिया गया है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मूल वेतन में 14.27 प्रतिशत और भतों को मिलाकर 23.6 प्रतिशत तक वेतन बढ़ाने को मंजूरी दी है। इसका फायदा लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 52 लाख पेंशनरों को मिलेगा। ये सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हो जाएंगी और कर्मचारियों को अब तक एरियर दिया जाएगा।
इससे पहले सातवें वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 14.27 फीसदी बढ़ोत्तरी की सिफारिश की थी।
आरबीआई ने एक आकलन में अप्रैल में कहा था कि अगर आयोग की रिपोर्ट को ऐसे ही लागू किया गया तो 1.5 फीसदी महंगाई बढ़ जाएगी। वैसे कैबिनेट बैठक में शॉप एंड एस्टैब्लिसमैंट बिल पर चर्चा हुई है।
आयोग की रिपोर्ट में शुरुआती वेतन मौजूदा 7,000 रुपए से बढ़ाकर 18,000 रुपए करने का प्रस्ताव है। अधिकतम वेतन 2.5 लाख रुपए करने की सिफारिश की गई है।
सूत्रों ने कहा कि सचिवों की समिति अधिक वेतन की सिफारिश कर सकती है। इसमें न्यूनतम शुरुआती वेतन 23,500 रुपए तथा अधिकतम वेतन 3.25 लाख रुपए हो सकता है।
आयोग की सिफारिशें लागू करने पर सरकारी खजाने पर 1.02 लाख करोड़ रुपए का सालाना बोझ आएगा, जिसमें 28,450 करोड़ रुपए से अधिक का बोझ रेलवे बजट और बाकी 73,650 करोड़ रुपए आम बजट पर जाएगा।