नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि डिजिटल स्पेस आतंकवाद व कट्टरवाद के लिए खेल का मैदान नहीं बने। उन्होंने कहा कि जनधन योजना, आधार व मोबाइल की तिकड़ी (जेएएम) ने सरकार को 10 अरब डॉलर को लीकेज बचाने में सहायता की है।
ग्लोबल कांफ्रेंस ऑन साइबर स्पेस (जीसीसीएस) के 5वें संस्करण में उद्घाटन सत्र के मौके पर मोदी ने कहा कि मुक्त व सुलभ इंटरनेट की खोज अक्सर अतिसंवेदनशीलता की तरफ ले जाती है। उन्होंने कहा कि साइबर हमला विशेष रूप से लोकतांत्रिक दुनिया के लिए बड़ा खतरा हैं।
उन्होंने कहा कि तीन कारक-हमारे जनधन खातों के जरिए वित्तीय समावेशन, आधार मंच व मोबाइल फोन ने बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार को कम करने में मदद की है। हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हमारे समाज का अतिसंवेदनशील तबका साइबर अपराधियों की बुरी साजिश का शिकार न हो। साइबर सुरक्षा से जुड़े मामले को लेकर सर्तकता जीवन जीने का तरीका बनना चाहिए।
मोदी ने कहा की जेएएम की तिकड़ी ने पारदर्शिता लाने में मदद की है। उन्होंने कहा कि हम इसे जेएएम तिकड़ी कहते हैं। सब्सिडी में अच्छी तरह से लक्षित करने पर जेएएम तिकड़ी ने अभी तक लगभग 10 अरब डॉलर के लीकेज को रोका है।
मोदी ने कहा कि मुख्य ध्यान केंद्रित करने वाले क्षेत्रों में से एक साइबर धमकियों से निपटने के लिए अच्छी तरह से लैस व सक्षम पेशेवरों को प्रशिक्षण देना होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हैकिंग की शब्दावली ने शायद एक रोमाचंक व संदेहास्पद जगह बना ली है। हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि युवाओं के लिए साइबर सुरक्षा एक आकर्षक व व्यावहारिक विकल्प बने।
मोदी ने कहा कि राष्ट्रों को यह जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि डिजिटल स्पेस आतंकवाद व कट्टरवाद की विरोधी ताकतों के लिए खेल का मैदान नहीं बने। इसे हमेशा बदलने वाले खतरे से निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसियों के मध्य सूचना साझा करना व समन्वय जरूरी है।
दो दिवसीय जीसीसीएस कांफ्रेस का विषय ‘साइबर4ऑल : सत्त विकास के लिए सुरक्षित व समावेशी साइबर स्पेस’ है।
मोदी ने कहा कि डिजिटल तकनीकी बड़ी सक्षम बनकर उभरी है। इसने कुशल सेवा व प्रशासन देने का रास्ता बनाया है। यह शिक्षा से स्वास्थ्य के क्षेत्रों में पहुंचकर सुधार ला रही है। यह भविष्य के व्यापार व अर्थव्यवस्था को आकार देने में भी सहायता कर रही है।
उन्होंने कहा कि इन तरीकों के जरिए इसने कम विशेषाधिकार प्राप्त तबकों तक पहुंच बनाई है। इसने बड़े स्तर पर एक बराबरी की दुनिया का विकास किया है जिसमें भारत जैसे राष्ट्र विकसित देशों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इंटरनेट ने भारतीयों के जीवन को आसान बनाया है। मोदी ने कहा कि भारत सरकार का लक्ष्य डिजिटल पहुंच बढ़ाने के जरिए सशक्तीकरण करना है व सरकार इसके लिए वचनबद्ध है।
उन्होंने कहा कि हम अपने नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए मोबाइल पॉवर या एम-पॉवर में विश्वास रखते हैं। मोदी ने गुरुवार को यूनिफाइड मोबाइल एप्लीकेशन फॉर न्यू एज गवर्नेस (यूएमएएनजी) मोबाइल एप को लांच किया। यह सौ से ज्यादा नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करेगा।
जीसीसीएस की शुरुआत 2011 में लंदन में हुई। दूसरी बार इसका आयोजन 2012 में बुडापेस्ट में किया गया। इसमें इंटरनेट अधिकार व इंटरनेट सुरक्षा के संबंध पर ध्यान केंद्रित किया गया। तीसरी बार इस सम्मेलन का आयोजन सियोल में 2013 में हुआ। इसके चौथे संस्करण का आयोजन 2015 में हेग में किया गया, जिसमें 97 देशों ने भाग लिया।