जयपुर। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार राजस्थान में पर्यटन की अकूत संभावनाओं को देखते हुए 500 करोड़ की मदद करेगी और उसी के बूते राज्य में पर्यटन की छटा को अलग ही रूप में निखारा जाएगा।
केंद्र सरकार ने राजस्थान में पर्यटन विकास से जुड़े पांच प्रोजेक्ट के प्रस्ताव तत्काल तैयार कर केन्द्र को भेजने को कहा था। इसके लिए केंद्र सरकार ने पांच सौ करोड़ रूपए देने का फैसला किया है।
राज्य सरकार ने भी तत्परता दिखाते हुए राज्य की सभी संस्कृतियों को मिलाते हुए पांच प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर ली है। राज्य सरकार को उम्मीद है कि वह अगस्त के दूसरे पखवाड़े तक पहला प्रस्ताव भेज देगी तथा इन प्रोजेक्ट के प्रस्ताव और पहले चरण की राशि की मंजूरी सितम्बर में मिल जाएगी।
पर्यटन मंत्रालय ने हाल ही में एक फैसले के तहत देश के सभी राज्यों में अलग अलग चल रही पर्यटन योजनाओं को स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजना में शामिल किया है। स्वदेश योजना में जहां सांस्कृतिक विरासत वाले महलों, किलों, मेलों व उत्सवों आदि को शामिल किया है वहीं धार्मिक स्थल प्रसाद योजना में शामिल किए गए हैं।
राज्य के पर्यटन निदेशक ने बताया कि केंद्र से मिले प्रस्ताव के बाद सरकार ने एक समिति का गठन कर स्वदेश योजना और प्रसाद योजना में शामिल करने वाल स्थलों के चयन का काम शुरू कर दिया है।
स्वदेश योजना के लिए बेजे जाने वाले प्रस्ताव में जहां जोधपुर के मेहरानगढ़, जयपुर के जयगढ़ और उदयपुर व बीकानेर के किलों को शामिल किया जाएगा वहीं प्रसाद योजना के प्रस्तावों में जयपुर व अजमेर के धर्मस्थलों के अलावा नाथद्वारा, भरतपुर की कैलादेवी का चयन करने की तैयारी है।
इसके बाद अन्य प्रस्तावों में बांसवाड़ा, डूगरपुर, सिरोही, जैसलमेर व अन्य स्थलों के एतिहासिक व धार्मिक स्थलों को शामिल किया जाएगा।