नई दिल्ली। बीजेपी के सदस्यता अभियान का टोल फ्री नंबर खुलते ही देशभर से लोगों के फोन का ऎसा तांता लगा कि लाइन ही जाम हो गई। पीएम नरेंद्र मोदी को पार्टी का पहला सदस्य बनाने के बाद जब अध्यक्ष अमित शाह के सदस्य बनने का नंबर आया तो टोल फ्री नंबर जाम हो गया।…
दरअसल मोदी के सदस्य बनने के बाद जैसे ही यह नंबर स्क्रीन पर उभरा तो देशभर में इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देख रहे लोगों ने इसे मिलाना शुरू कर दिया। कार्यक्रम में बैठे कई लोग भी नंबर को ट्राई करने लगे। इस कारण शाह का नंबर नहीं लग पाया।
कई बार कोशिश करने के बाद भी जब यही स्थिति रही तो कार्यक्रम का संचालन कर रहे पार्टी के महासचिव जेपी नड्डा ने लोगों से नंबर नहीं मिलाने की अपील की। आखिरकार दस मिनट में शाह को सदस्यता का मैसेज मिला और इस तरह वह पार्टी के दूसरे सदस्य बन पाए।
भाजपा के सदस्यों को हर छह साल में अपनी सदस्यता का नवीनीकरण करना होता है। पार्टी ने इस बार रिकार्ड सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है। पार्टी ने पहली बार मोबाइल टोल फ्री नंबर के जरिए सदस्यता अभियान शुरू किया है। अभी पार्टी के 3.25 करोड़ सदस्य है और पार्टी का लक्ष्य इसे तीन गुना करने का है।
भाजपा के गुलदस्ते में हो हर रंग का फूल : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान की शुरूआत करते हुए कहा कि देश की विविधता पार्टी में भी झलकनी चाहिए और हर गांव में पार्टी का सदस्य होना चाहिए। मोदी ने यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कहाकि भाजपा उस गुलदस्ते की तरह नजर आनी चाहिए जिसमें देश के हर वर्ग और क्षेत्र का प्रतिनिधित्व हो।
उन्होंने कहा कि देश में छह लाख गांव हैं और हर गांव में भाजपा का कम से कम एक सदस्य होना चाहिए। भारत विविधताओं से भरा देश है और भाजपा भी विविधताओं से भरा नजर आना चाहिए। इस कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने मोदी को पहला सदस्य बनाकर पार्टी के नए सदस्यता अभियान की शुरूआत की।
इसके बाद मोदी ने शाह को पार्टी का दूसरा सदस्य बनाया। मोदी ने उन लोगों को भी पार्टी से जुड़ने का आह्वान किया जो राजनीति को गंदा समझकर इससे दूर रहते हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति के बारे में कुछ लोगों में यह धारणा है कि राजनीति गंदी होती है लेकिन मेरा मानना है कि राजनीति गंदी नहीं होती।
अगर ऎसा होता तो महात्मा गांधी राजनीति में पैर नहीं रखते। उन्होंने कहा कि ऎसे लोगों को प्रेरित करने की जरूरत है जो किन्हीं कारणों से राजनीति से दूरी बनाए रखते हैं।