जमशेदपुर। झारखंड की एक अदालत ने विवादास्पद राजद नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन को एक रेलवे कांट्रैक्टर एवं युवा कांग्रेस के एक नेता से जुड़े तिहरे हत्यााकांड के मामले में 28 साल बाद सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
शहाबुद्दीन को सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजीत कुमार सिंह के सामने पेश किया गया और उन्हें बरी कर दिया गया। शहाबुद्दीन एक अन्य दोहरे हत्या प्रकरण के सिलसिले में तिहाड़ जेल में हैं। यह हत्याकांड दो साल पहले बिहार में उनके गृहनगर में हुआ था।
जिस तिहरे हत्याकांड में उन्हें आज बरी किया गया वह दो फरवरी, 1989 को यहां जुगसलाई में हुआ था। ब्रह्मेश्वर पाठक के बयान के आधार पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
पाठक प्रदीप मिश्रा का अंगरक्षक था जो उन दिनों पूर्वी सिंहभूम युवा कांग्रेस के अध्यक्ष थे और जिनकी हत्या कर दी गई थी। लेकिन बाद में शहाबुद्दीन को मिश्रा, रेलवे कांट्रैक्टर आनंद राव और उसके साथी जर्नादन चौबे की हत्या में आठ अन्य के साथ इस मामले में आरोपी बनाया गया था।