कानपुर। अमर सिंह के खिलाफ दर्ज हुआ मनीलांड्रिंग का मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है। अमर सिंह के खिलाफ 2009 में कानपुर के शिवाकांत त्रिपाठी ने मनीलांड्रिंग का केस बाबूपुरवा थाने में दर्ज कराया था।
शिवाकांत ने अदालत से अपील की है कि अमर सिंह व उनका भतीजा सिद्धार्थ और कानपुर पुलिस उनको लगातार धमका रही है। ये लोग मेरी हत्या भी करा सकते है। मामले में पुलिस मेरी रिपोर्ट नहीं लिख रही है। लिहाजा अदालत पुलिस को मेरी रिपोर्ट लिखने का आदेश दें। अदालत ने शिवाकांत की एप्लिकेशन स्वीकार कर पुलिस से रिपोर्ट मांगी है।
यह है आरोप
शिवाकांत का आरोप है कि अमर सिंह ने अपने कुछ दबंग लोगों द्वारा मुझे धमका कर जबरन केस खत्म कराने के लिए मुझसे जबरन हस्ताक्षर करवा लिए थे। उस एफिडेविट को उन्होंने अदालत में लगाया था। जिसे हाईकोर्ट ने न मानकर ईडी से रिपोर्ट मांगी। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद ईडी अमर सिंह को बचाने के लिए अदालत में अपनी रिपोर्ट नहीं दाखिल कर रही है। जबकि इधर मुझे दबाव में लेने के लिए अमर सिंह अपने भतीजे और कानपुर पुलिस द्वारा जबरन धमका रहे है। शिवाकांत का कहना है कि यहीं नहीं धमकी देने वाले उन्हें किसी फर्जी केस में फंसा कर हत्या भी करवा सकते हैं और कानपुर पुलिस मेरी कोई रिपोर्ट नहीं लिख रही है। इसको देखते हुए उन्होंने गुरूवार को कानपुर की स्पेशल सीजीएम कोर्ट और सीएमएम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट लिखाने के लिए एप्लिकेशन दी है।
कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट
शिवाकांत के वकील प्रमोद कुमार का कहना हमने 156 (3) के तहत अमर सिंह व भतीजे सिद्धार्थ और उनके सहयोगियों के खिलाफ रिपोर्ट लिखाने का आदेश देने की एप्लिकेशन लगाईं है। अदालत ने इस मामले में पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट आने के बाद अदालत आगे का आदेश देगी। अब यह मामला उठा कर शिवाकांत ने अमर सिंह को भी अदालत के घेरे में ला दिया है।
हाईकोर्ट ने दोबारा शुरू किया केस
अदालत ने शिवाकांत के एफिडेविट पर मनीलांड्रिंग केस को खत्म कर दिया था। जिसे बाद में हाईकोर्ट ने फिर शुरू कर दिया था। अब उस एफिडेविड को जबरन बनवाने का आरोप लगा कर शिवाकांत ने अमर सिंह को कटघरे में खड़ा कर दिया है।