शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में सोमवार सुबह हुई मंत्रिमंडल की बैठक की बैठक में निर्णय लिया गया कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 22 अगस्त से 27 अगस्त 2016 तक आयोजित किया जाएगाए जिसमें कुल पांच बैठकें होंगी।
इसके साथ मंत्रिमंडल के सदस्यों ने एक प्रस्ताव पारित करते हुए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में पूर्ण आस्था व्यक्त की। प्रस्ताव में कहा गया कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के त्यागपत्र को लेकर भाजपा के सदस्यों की ओर से किया जा रहा शोर-शराबा निर्थक हैै, जो पूरी तरह कानून के प्रति निरादर दर्शाता है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश की कानून और न्याय के प्रति आस्था दिखाने के बजाय कुछ भाजपा नेता जिनका कोई आधार नहीं है, लोकतांत्रित ढंग से चुने गए लोकप्रिय मुख्यमंत्री को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं। यह पूर्णत: स्पष्ट है कि उन्हें यह अहसास हो गया है कि वे लोकतांत्रिक और चुनावी प्रक्रिया के माध्यम से सत्ता प्राप्त नहीं कर सकते हैं।
मंत्रिमंडल के सदस्यों ने यह भी अनुभव किया है कि यह सारा मामला पूर्णत: वित्तीय रिटर्न से सम्बन्धित रहा है तथा आयकर विभाग इस मामले को बंद कर चुका हैं। परन्तु वीरभद्र सिंह को परेशान करने के एक मात्र उद्देश्य से तीन केन्द्रीय एजेंसियों आयकर, सीबीआई और प्रर्वतन विभाग द्वारा इसकी जांच की जा रही हैं, जो बेहद निंदाजनक है। इस प्रकार के गैर कानूनी तरीके को राज्य की जनता द्वारा पूरी तरह खारिज किया जाएगा।
यह अत्यंत खेदजनक है कि इस प्रकार के अलोकतांत्रित तरीके को केन्द्र में सत्तासीन राष्ट्रीय पार्टी के कुछ नेता बढ़ावा दे रहे हैं। कानून को अपने ढंग से इस मुद्दे को हल करने देना ही केवल परिपक्व प्रतिक्रिया है। कानूनी प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास कर लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने का प्रयास करना अत्यंत निंदाजनक है और प्रदेश के लोगों द्वारा इसका पूरजोर विरोध किया जाएगा।