नई दिल्ली। मानसून सत्र का अंतिम सप्ताह में भी सरकार व विपक्ष के टकराव की भेंट चढऩा तय लगता है। 5 दिनों के निष्कासन के बाद लोकसभा में अपने 25 सांसदों की वापसी के बाद भी काग्रेस के तेवर नरम नहीं पड़ें हैं और दोनों सदनों में कांग्रेस ने ललितगेट कांड पर सुषमा को घेरने की कोशिश की।
सत्र के बाकी बचे दिनों में भी कांग्रेस के विरोध की रणनीति जारी रहेगी। लोकसभा और राज्यसभा में सदन की कार्यवाही को विपक्ष के हंगामे के चलते कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया।
लोकसभा में कांग्रेस ने व्यापमं और ललितगेट मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दे रखा था जिसे लोकसभा अध्यक्ष ने खारिज कर दिया। नोटिस खारिज करने से पहले अध्यक्ष ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े को कहने का मौका दिया तो उन्होंने विदेशमंत्री क्षीमति सुषमा स्वराज पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने एक भगोड़े की गलत तरीके से मदद की है।
इसके साथ ही लोकसभा में भी हंगामा शुरू हो गया लेकिन अध्यक्ष क्षीमति सुमित्रा महाजन ने प्रश्नकाल को जारी रखा। कांग्रेस के सांसद सदन में हाथों पर काली पट्टी बांधे हुए प्लेकार्ड के साथ सदन में आए और हंगामें के दौरान प्लेकार्ड लहराते रहे। दूसरी ओर राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही विपक्ष ने हंगामा करना भी शुरू कर दिया है।
सदन में विपक्ष के नेता कांग्रेस के गुलाम नवी आजाद ने प्रधानमंत्री की भाषा पर टिप्पणी की जिसके बाद सदन में सरकार और विपक्ष के बीच तनातनी बढ़ गई। कांग्रेस नेता ने विपक्ष के प्रति प्रधानमंत्री की भाषा की भी आलोचना की। नारेबाजी कर रहे विपक्ष पर हमला करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस सदन को चलने नहीं देना चाहती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सदन में सरकार को अपनी बात कहने नहीं दी जा रही । उन्होंने कहा कि सदन चले यह देखना आसन का काम है । इसके बाद हंगामा बढ़ता देख उपाध्यक्ष जे.पी कुरियन ने कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
गत 21 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र में अभी तक कांग्रेस के विरोध के फलस्वरूप कोई काम नहीं हो सका है। तब से लेकर अब तक संसद लगातार हर रोज स्थगित हो रही है। अब इस सत्र के सिर्फ तीन दिन ही बचे हैं। वहीं आज लोकसभा में भूमि अधिग्रहण बिल पेश किया जा सकता है। इसके लिए सरकार ने विभिन्न पार्टियों से समर्थन मांगा है।