नई दिल्ली। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस हद तक देश में स्वीकार्य नहीं हैं उससे ज्यादा स्वीकार्यता अरविंद केजरीवाल की दिल्ली में हो गई है। इसका कयास यह लगाया जा रहा है कि लोकसभा में वोट देने वाले मात्र 32 प्रतिशत मतदाताओं की पसंद नरेन्द्र मोदी थी, लेकिन इसके उलट नई दिल्ली में केजरीवाल की मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार्यता दिल्ली के आधे से ज्यादा मतदाताओं के बीच है।
7 फरवरी को हुए चुनावों में दिल्ली के 54.3 प्रतिशत मतदाताओं ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में पसंद किया। इन चुनावों मे आप को 48 लाख 79 हजार 127 वोट मिले हैं। कुल वैध मतों का 32.2 प्रतिशत मत पाकर भाजपा दूसरे नम्बर है। 28 लाख 91 हजार 510 मत भाजपा को मिले। निर्वाचन आयोग के अनुसार कांग्रेस दहाई का आंकडा भी नहीं छू पाई और 86 हजार 7027 मत के साथ 9.7 प्रतिशत वोट मिले हैं।
राजस्थान में भाजपा ने इतिहास रचा था। यहां पर कुल सीटों का करीब 81.5 प्रतिशत सीटें भाजपा को मिली थी, लेकिन भाजपा का वोट शेयर यहां भी 46 प्रतिशत ही था। इसी के साथ हुए दिल्ली विधानसभा के चुनावों में भाजपा को 46.63 प्रतिशत वोट मिले थे, जो इस विधानसभा में गिरकर 32 प्रतिशत पहुंच गए। इसका मतलब यह हुआ कि दिल्ली विधानसभा में एक साल में ही भाजपा के करीब 14 प्रतिशत वोटर आम आदमी पार्टी के प्रति आकर्षित हुए हैं।