जयपुर। चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि प्रदेश के दस जिलों में मदर मिल्क बैंक स्थापित किए जाएंगे। इन पर दस करोड़ रूपए खर्च होंगे। वर्तमान में एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर और आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर में मदर मिल्क बैंक संचालित किए जा रहे हैं।
चिकित्सा मंत्री सोमवार को एसएमएस कन्वेशन सेन्टर में मां कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि यह मदर मिल्क बैंक चित्तौडगढ़, बूंदी, बारां, टोंक, भरतपुर, अलवर, चूरू, व्याबर, भीलवाडा एवं बांसवाड़ा जिले में खोले जाएंगे।
राजस्थान में शिशु मृत्यु दर को कम करने और शिशु आहार स्तर को सुदृढ़ कर कुपोषण को दूर करने मां (मदर्स एब्सल्यूएट एफेक्शन) कार्यक्रम मील का पत्थर साबित होगा। यह कार्यक्रम 29 अगस्त से सभी जिलों में शुरू हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि 6 माह तक केवल स्तनपान एवं 5 वर्ष तक मां के दूध के साथ-साथ पोषक आहार पर ध्यान देकर शिशु मृत्यु में 19 प्रतिशत तक कमी लाई जा सकती है। जन्मते ही बच्चों के लिए मां का दूध सर्वाधिक महत्वपूर्ण घटक है।
दस्त व निमोनिया 5 वर्ष से छोटे बच्चों की मृत्यु का मुख्य कारण है। मां के दूध पिलाने से शिशुओं में दस्त रोग से मृत्यु होने की संभावना 11 प्रतिशत व निमोनिया से 15 प्रतिशत तक कम हो जाती है। स्तनपान से कुपोषण से होने वाली मौतौं से बचाया जा सकता है।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि मां कार्यक्रम में स्तनपान व शिशु आहार के संरक्षण के लिए सामुदायिक स्तर एवं चिकित्सा केन्द्र स्तर पर व्यापक वातावरण विकसित किया जाएगा।
स्तनपान के महत्व को बढ़ाने के लिए आशा सहयोगिनियों एवं अन्य स्वास्थ्यकार्मिकों के सहयोग से गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं उनके परिजनों सहित जनसमुदाय को स्तनपान के महत्व के बारे में जानकारी दी जाएगी।
जोधपुर एसएन मेडिकल कालेज में शिशु रोग विभाग के प्रो. डॉ. अनुराग ने प्रजेंटेशन के माध्यम से मां के दूध के लाभ एवं तकनीकी पहलुओं पर प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी।