काठमांडू। नेपाल के वयोवृद्ध पर्वतारोही मीन बहादुर शेरचान का शनिवार को एवरेस्ट आधार शिविर में निधन हो गया। माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई दुनिया भर में पर्वतारोहियों के लिए सबसे कठिन कार्य माना जाता है, क्योंकि कई पर्वतारोही इस कोशिश में प्रत्येक वर्ष दम तोड़ देते हैं।
नेपाल के पर्यटन विभाग के महानिदेशक दिनेश भट्टराई के अनुसार शेरचान ने शाम 5.14 बजे अंतिम सांस ली। चिकित्सकों को आशंका है कि उनका निधन हृदयाघात के कारण हुआ।
शेरचान (86) दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को सबसे बुजुर्ग व्यक्ति द्वारा फतह किए जाने का सम्मान हासिल करने के लिए माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की कोशिश कर रहे थे।
अभी पिछले सप्ताह ही प्रसिद्ध स्विस पर्वतारोही उएली स्टेक की एवरेस्ट क्षेत्र में जान चली गई थी।
शेरचान ने मई 2008 में एवरेस्ट को फतह किया था, और उस समय उनकी उम्र 76 साल, 340 दिन थी। एवरेस्ट फतह करने वाले सबसे बुजुर्ग व्यक्ति के रूप में उनका नाम नवंबर 2009 में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था। इससे पहले यह रिकॉर्ड जापान के युचिरो मियुरा के नाम था।
मियुरा ने 2003 में 70 साल की उम्र में एवरेस्ट फतह की थी। उन्होंने मई 2008 में दोबारा एवरेस्ट फतह की, और उस समय उनकी उम्र 75 साल थी। लेकिन वह कोई रिकॉर्ड नहीं बना पाए थे, क्योंकि शेरचान ने एक दिन पहले ही एवरेस्ट की चढ़ाई पूरी कर ली थी, और उस समय उनकी उम्र 76 साल थी।
वर्ष 2013 में मियुरा ने 80 वर्ष की उम्र में एवरेस्ट फतह कर यह रिकॉर्ड शेरचान से छीन लिया था।
एवरेस्ट आधार शिविर छोड़ने से पूर्व आत्मविश्वास से भरपूर शेरचान ने कहा था कि वह उम्र के लिहाज से बूढ़े भले हैं, लेकिन उनमें अभी भी एवरेस्ट फतह करने का साहस है।
इसके पहले 2015 में भी उन्होंने एवरेस्ट पर चढ़ने की कोशिश की थी, लेकिन नेपाल में भूकंप के कारण एवरेस्ट में हुए एक हिमस्खलन के बाद वह आधार शिविर से लौट गए थे।