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दस हजार रुपये की रिश्वत लेते माउण्ट आबू नगर पालिका के एलडीसी को पकडा - Sabguru News
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दस हजार रुपये की रिश्वत लेते माउण्ट आबू नगर पालिका के एलडीसी को पकडा

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दस हजार रुपये की रिश्वत लेते माउण्ट आबू नगर पालिका के एलडीसी को पकडा

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सबगुरु न्यूज-सिरोही। आखिर माउण्ट आबू नगर पालिका में व्याप्त अनियमितता पर एसीबी की सीधी कार्रवाई हो गई। परिवादी के आगे आने पर एसीबी ने माउण्ट आबू नगर पालिका में 33 साल से तैनात एलडीसी को दस हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफतार किया है।
एसीबी सिरोही के एएसपी नारायणसिंह राजपुरोहित ने बताया कि परिवादी गुलाबचंद सोनी ने एसीबी को बताया था कि उसने नगर पालिका माउण्ट आबू में ठेके पर काम किया था। इसका दो लाख 59 हजार रुपये का बिल बकाया है। इसे देने के लिए एलडीसी सूरज बैरवा बिल का 18 प्रतिशत रिश्वत के रूप में मांग रहा है। इसके अनुसार यह राशि करीब 46हजार 620 रुपये होती थी। उन्होंने बताया शिकायत का सत्यापन करवाया गया, जिसमें सूरज बैरवा तीस हजार रुपये लेकर बिल बनाने को तैयार हो गया था।

इसके लिए दस हजार रुपये पहले देना तय हुआ।  सूरज बैरवा ने परिवादी को बुधवार सुबह अपने घर पर यह राशि देने के लिए बुलवाया था। परिवादी ने सूरज बैरवा को बुधवार सुबह उसके घर पर दस हजार रुपये दिए। यह राशि देने के बाद इशारा करने पर एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नारायणसिंह तथा उनके सहयोग के लिए एसीबी जालोर के एसीपी अनराज पुरोहित के नेतृत्व में एसीबी की टीम ने बैरवा को रंगे हाथों गिरफतार कर लिया है।  उसे गिरफतार करके माउण्ट आबू थाने में ले आया गया है। बैरवा ने जिस बिल के लिए रिश्वत मांगी थी वो काम 2009 का था।
ये कैसा आॅब्जर्वेशन!
माउण्ट आबू में फिलहाल कांग्रेस के भ्रष्टाचार के नाम पर जीत कर आई भाजपा का बोर्ड है। आश्चर्य की बात यह है कि नगर पालिका के जितने भी बिल पास होते हैं वह नगर पालिका के आयुक्त और अध्यक्ष के हस्ताक्षर से पास होते हैं। इस पर भी बिल तैयार करने वाला बाबू अठारह  प्रतिशत तक राशि रिश्वत के रूप में मांग ले रहा है, तो यह सोचने वाली बात है कि किस तरह का आॅब्जर्वेशन और पारदर्शिता वहां पर है। सोचने की बात यह भी है कि जब बिल का अठारह प्रतिशत तक कोई ठेकेदार रिश्वत देगा तो उस काम की गुणवत्ता कैसी होगी। सवाल यह भी है कि क्या यह 18 प्रतिशत सिर्फ बाबू की ही हिस्सा राशि थी या इसमें अन्य लोगों की भी हिस्सेदारी रहती है।

यदि अठारह प्रतिशत सिर्फ बाबू ले रहा है तो क्या शेष लोग ऐसा नहीं करते हैं। यदि करते हैं तो यह राशि बिल के कितने प्रतिशत पहुंचती है। यह सभी पहलू भी एसीबी की जांच का विषय होना चाहिए। बिल पास करने के लिए इतनी राशि हिस्से के रूप में मांगना काम की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाता है।

इनका कहना है…
यह पुराना मामला है। इस व्यक्ति को मैने जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए लगा रखा था। मेरा बोर्ड बनने के बाद मै पूरी नजर रखता हूं। इस तरह के पुराने अटके हुए मामलों केा लेकर मैने आयुक्त से बात की है ताकि पारदर्शी माहोल में काम हो सके।
सुरेश थिंगर
अध्यक्ष, नगर पालिका , माउण्ट आबू।