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फिल्म समीक्षा : सीक्रेट सुपर स्टार संवेदनाओं से भरी मनोरंजक फिल्म - Sabguru News
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फिल्म समीक्षा : सीक्रेट सुपर स्टार संवेदनाओं से भरी मनोरंजक फिल्म

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फिल्म समीक्षा : सीक्रेट सुपर स्टार संवेदनाओं से भरी मनोरंजक फिल्म
Movie review: Secret super star is 2017's best film
Movie review: Secret super star is 2017's best film
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मुंबई। आमिर खान प्रोडक्शन की नई फिल्म सीक्रेट सुपर स्टार दिल को छू लेने वाली फिल्म है, जो दर्शकों की संवेदनाओं के साथ सीधे तौर पर जुड़ती चली जाती है।

फिल्म की कहानी गुजरात के बड़ोदरा की है, जहां एक मध्यम मुस्लिम परिवार की इंसिया (जायरा वसीम) को गाने का शौक है और वो मशहूर गायिका बनना चाहती है। उसकी मां नजमा (मेहर विज) अपनी बेटी का साथ देने की कोशिश करती है, लेकिन महागुस्सैल पिता फारुख (राज अर्जुन) उसके सपनों की दुनिया की सबसे बड़ी बाधा हैं।

हिंसक प्रवृत्ति के फारुख से पूरा परिवार खौफ खाता है। अपनी बेटी के गायिकी की बात जानकर फारुख अपनी बेटी का गिटार और लैपटाप तोड़ डालता है। इंसिया चुपके से इंटरनेट पर बिना अपनी पहचान के अपनी गायिकी के वीडियो अपलोड करती है, जिसकी चर्चा मुंबई के ग्लैमर वर्ल्ड तक पंहुचती है। संगीतकार शक्ति कुमार (आमिर खान) इंसिया को गाने का मौका भी देता है।

उधर, फारुक की अरब देश में नौकरी लग जाती है, जहां वो अपने पूरे परिवार को ले जाने का फैसला करता है। इंसिया, जो पहले चाहती थी कि उसकी मां अपने शौहर को छोड़ दें, परिवार के आगे अपने सपनों को तिलांजलि दे देती है और पिता के साथ जाने के लिए तैयार हो जाती है।

रियाद जाने के लिए मुंबई से फ्लाइट लेने के लिए परिवार जब एयरपोर्ट पंहुचता है, तो ऐसा ड्रामा होता है कि कहानी पलट जाती है और इंसिया तथा उसकी मां का हर सपना पूरा हो जाता है। खुशनुमा माहौल में फिल्म दी एंड तक पंहुचती है।

इस फिल्म का निर्देशन अद्वैत चंदन ने किया है, जो आमिर की टीम का हिस्सा रहे हैं और पहली फिल्म के लिए कहा जा सकता है कि चंदन ने फिल्म पर पकड़ बनाए रखी। बतौर निर्देशक चंदन अपनी बात कहने में सफल रहे। यही उनकी सबसे बड़ी कामयाबी रही है।

कलाकारों की बात की जाए, तो दंगल के बाद जायरा वसीम ने इस फिल्म में दिखाया है कि वे एक संपूर्ण कलाकार हैं। उन्होंने अपने किरदार के हर पहलू को शानदार तरीके से जिया है। उनके किरदार को बेहतरीन बनाने में नाजिया का किरदार करने वाली मेहर विज का बड़ा योगदान है, जो इससे पहले बजरंगी भाईजान में शाहिदा की मां का किरदार निभा चुकी हैं।

इंसिया के करीबी दोस्त और उसे मन ही मन चाहने वाले चिंतन के किरदार में तीर्थ शर्मा प्रभावशाली हैं। हिंसक पिता और पति के रोल में राज अर्जुन ने सधा हुआ अभिनय किया है। वे अपनी छाप छोड़ने में सफल रहे हैं।

रही बात आमिर की, तो इस फिल्म में उन्होंने ऐसा किरदार किया है, जो शायद पहले नहीं किया। एक चालू, छीछोरे और नालायक संगीतकार के रोल में आमिर खान ने अपनी भूमिका में जान डाल दी है।

ऐसा नहीं है कि फिल्म में कमजोरियां नहीं है। फिल्म की पहली कमजोरी ये है कि एक गायिका की कहानी होने के बाद भी संगीत के मामले में फिल्म कमजोर साबित होती है। पहले हाफ में कई जगह फिल्म धीमी पड़ती है।

इंसिया के अकेले हवाई जहाज से मुंबई आने-जाने के सीन ज्यादा नाटकीय हो गए हैं। क्लाइमेक्स में इंसिया के पिता के किरदार को ही विलेन बना दिया गया है। इन कमजोरियों के बाद भी कहा जा सकता है कि इस फिल्म पर इसकी अच्छाइयां ज्यादा हावी हैं।

ये फिल्म दीवाली पर आमिर खान की ओर से किसी तोहफे से कम नहीं। इसे देखने वाला हर दर्शक इसके लिए आमिर को शुक्रिया कहेगा। मनोरंजन की लगभग हर जरुरत को पूरी करती इस फिल्म के लिए कहा जा सकता है कि आमिर और उनकी टीम का ये एक और मास्टर स्ट्रोक है।