भोपाल। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे दिन मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बोलने के दौरान बीच में टोकने के बाद से पार्टी में अटकलों का दौर शुरू हो गया हैं।
जब शिवराज को टोका गया उस समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत भाजपा की सीनियर लीडरशिप मौजूद थी। कार्यकारिणी के आखिरी सत्र में शिवराज को खेती पर बोलने के लिए कहा गया था, जब वे बोल रहे थे तो अमित शाह ने उन्हें भरी सभा में टोककर विषय पर सीमित रहने के लिए टोका। लेकिन इसे मप्र का अपमान बताया जा रहा हैं।
शिवराज सिंह चौहान भाजपा में एकमात्र ऐसे मंत्री हैं, जिन पर कोई दाग नहीं हैं। पार्टी हर चुनाव शिवराज का चेहरा आगे करके जीतती हैं। मप्र में सत्ता और संगठन की धुरी शिवराज सिंह चौहान हैं। जनता के बीच उनकी लोकप्रियता का कोई तोड़ नहीं हैं।
लेकिन भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में किसी राज्य में लगातार तीन बार से मुख्यमंत्री रहने वाले नेता को इस तरह से टोकना, पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को भी नागवार लगा हैं। पार्टी का एक धड़ा इसके विरोध में हैं। जबकि दूसरा धड़ा कुछ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा हैं।
खास बात यह हैं कि मप्र भाजपा के कर्ताधर्ताओं ने तो इस मामले से यह कहकर दूरी बना ली हैं कि उन्हें इस घटनाक्रम की कोई जानकारी ही नहीं हैं। उल्लेखनीय हैं कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शिवराज को राजनीति और चुनाव से अलग हटकर सिर्फ खेती पर बोलने के लिए कहा गया।
वह खेती पर खूब बोले लेकिन जैसे ही विषय से अलग हुए और अपनी दूसरी बात रखने लगे तो अमित शाह ने टोक दिया। इसके बाद वे चुपचाप हो गए और जो बोलना चाहते थे उसे बोले बिना ही बैठ गए। इस दौरान बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत पार्टी की लगभग पूूरी लीडरशीप मौजूद थी।