भोपाल। मध्यप्रदेश में बेमौसम बारिश और अतिवृष्टि से पीड़ित किसानों को तत्काल राहत दिलवाने और बिजली बिल की वसूली रुकवाने सहित कर्जमाफी की मांग को लेकर विधानसभा में धरने पर बैठे कांग्रेस विधायक खुद अपने ही जाल में फंस गए।
कांग्रेस ने पहले धरना, फिर भूख हड़ताल को लेकर सरकार द्वारा कोई पहल नहीं किए जाने से परेशान विधायकों ने अब खुद हड़ताल समाप्त कर इसे पहला चरण बताकर दूसरे चरण के तहत जिलों में सभी विधायकों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में आंदोलन का ऐलान किया है।
ऐसे में कांग्रेस खुद अपने ही जाल में फंसती दिख रही है। उधर, प्रदेश सरकार भी अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस के इस किसान हित में जारी धरने को लेकर कोई पहल नहीं की, जिससे कांग्रेस विधायक खुद अब अपने निर्णय से पीछे हट रहे हैं। इसके पीछे विधायकों के स्वास्थ्य को बताया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि 24 मार्च को विधानसभा के एकदिवसीय सत्र के समापन के बाद कांग्रेस विधायक किसानों के पक्ष में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर गर्भगृह में धरना शुरू कर दिया था। पहली रात धरने के रूप में काटने के बाद तीसरे दिन सुबह से कांगे्रस विधायकों ने अन्न-जल त्याग कर भूख हड़ताल शुरू कर दिया था।
इसके बाद गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात कई पार्टी विधायकों की हालत खराब होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके चलते कांग्रेस ने भूख हड़ताल को लेकर दो धड़ों में बंटती दिख रही है। हालांकि, कहा यही जा रहा है कि पार्टी इस भूख हड़ताल को यहीं पर समाप्त कर अब विधानसभा वार अपने-अपने क्षेत्रों में आंदोलन किए जाएंगे।
दो विधायक अस्पताल में भर्ती
विधानसभा में भूख हड़ताल पर बैठे कांग्रेस विधायकों में से अधिकांश की सेहत ने जवाब दे दिया है। शुक्रवार को दो युवा विधायकों की तबीयत खराब होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें पूर्व नेता प्रतिपक्ष स्व. जमुना देवी के भतीजे उमंग सिंघार और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह शामिल हैं। वहीं रात में कई अन्य पार्टी विधायकों का भी स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। ऐसे में पार्टी किसी भी हालत में भूख हड़ताल को आगे बढ़ाने के मूड में दिखाई नहीं दे रही है।
नहीं पसीजी सरकार
किसानों के हित में कांग्रेस विधायकों के धरने को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से अभी तक कोई पहल नहीं की गई है। हालांकि, गुरुवार को गृह एवं जेल मंत्री बाबूलाल गौर ने नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे से मुलाकात कर उनकी कुशलक्षेम पूछी थी, लेकिन इसे व्यक्तिगत और अनौपचारिक मुलाकात बताया गया था। उधर, कांग्रेस विधायकों के धरने को लेकर सरकार की ओर से कोई भी अधिकृत व्यक्ति मिलने नहीं गया और न ही उन्हें मनाने की कोशिश की, जिससे हताश कांग्रेस विधायकों ने भूख हड़ताल समाप्त करने की पहल शुरू कर दी है।