भोपाल/इंदौर। मध्यप्रदेश सरकार आंगनबाड़ी कार्यकताओं को स्मार्ट बनाने की तैयारी में है। अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अब स्मार्ट फोन मिलेगा। एकीकृत बाल विकास योजना के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों का डिजिटलीकरण किया जाएगा। इसके अलावा सुपरवाइजरों को भी टेबलेट देने की योजना है।
सरकार ने अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन देने की तैयारी की है, जिससे आंगनबाडिय़ों का संचालन ठीक से हो सके। इसी प्रकार सुपरवाइजरों को टेबलेट दिए जाएंगे। आंगनबाडिय़ों को लेकर लगातार शिकायतें आती रहती हैं कि समय पर ना तो ये केन्द्र खुलते हैं ना ही बच्चों को शासन की योजनाओं का लाभ मिल पाता है। स्मार्ट फोन मिलने के बाद कार्यकर्ताओं की अटेंडेंस वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा आसानी से ली जा सकती है।
आईसीडीएस सीएएस अप्लीकेशन साफ्टवेयर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा हितग्राहियों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं की संबद्धता और उनकी गुणवत्ता की निगरानी की जा सकती है। साथ ही बच्चों और महिलाओं को स्वच्छ पौषण और स्थानीय रूप से स्वीकार्य खाना उपलब्ध करवाया जा सकेगा।
इसलिए पड़ी आवश्यकता
स्निप योजना में प्रदेश के आई बर्डन 15 जिले, जहां कुपोषण का स्तर लगातार अधिक बना हुआ है। खंडवा, बड़वानी, उज्जैन, शाजापुर, दतिया, शिवपुरी, मुरैना, कटनी, डिडोरी, राजगढ़, विदिशा, सीधी, उमरिया, दमोह और पन्ना जिले को इन्फार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नॉलॉजी इनेबल्ड रीयल टाइम मॉनीटरिंग की कार्यवाही के लिए चुना गया है। 12 हजार से अधिक का चयन इन 15 जिले में 12 हजार 500 आंगनबाड़ी केन्द्र का चयन किया गया है। सभी केन्द्रों में आईसीटी-आरटीएम मोबाइल समाधान प्रधान करेगा। यह आईसीडीएस-सीएएस नामक एल्पीकेशन सॉफ्टवेयर द्वारा संचालित है।