शहडोल। मध्य प्रदेश में पिछले दिनों लगातार मानवता को झकझोर देने वाले कई मामले सामने आए। जहां मरीज की मौत के बाद परिजनों को शव ले जाने के लिए समय पर वाहन या किसी तरह की मदद नही मिली।
जिसके बाद मजबूरन परिजनों को अपनों के मौत का गम उठाने के साथ उनके शव को ढोने के लिए भी मजबूर होना पड़ा। ऐसी ही एक घटना शहडोल जिले में सामने आई जहां शव वाहन न मिलने पर एक बेटी को मजबूरन अपनी सासू मां का शव साईकिल पर रखकर 20 किमी का सफर तय करना पड़ा।
मानवता को शर्मसार कर देने वाले ऐसे् मामले सामने आने के बावजूद शासन प्रशासन के कानों पर जू तक नही रेंगता जिसके चलते अब भी यह स्थिति बनी हुई हैं कि किसी मरीज की मौत के बाद पैसों की तंगी से जूझ रहे परिजनों के उसके शव को घर तक ले जाने के लिए कोई मदद नहीं मिल रही हैं।
मध्य प्रदेश में ऐसा ही एक ओर मामला सामने आया हैं। यहां शहडोल जिले के अमिल्हा गांव निवासी 70 वर्षीय महिला राम बाई काफी दिनों से बीमार चल रही थी। शुक्रवार सुबह इलाज के दौरान कटहरी में राम बाई की मौत हो गई।
राम बाई की बेटी की आर्थिक हालत ऐसी नहीं थी कि वह अपनी मां के शव को घर ले जाने के लिए निजी वाहन का इंतजाम कर सकें। ऐसे में बेटी और दामाद ने हर संभव जगह पर मदद की गुहार लगाई लेकिन दोनों को शव वाहन नहीं मिला।
ऐसे में इस परिस्थिति में बेटी और दामाद ने आसपास के लोगों से मदद मांगी लेकिन उन्हें वहां से भी निराशा ही हाथ लगी। दोनों को लगा कि किसी भी दर से उन्हें मदद नहीं मिलेगी तो उन्हें साइकिल पर ही शव ले जाने का फैसला लेना पड़ा। बेटी और दामाद ने शव को साइकिल पर रखकर कटहरी से आमिल्हा गांव तक 20 किलोमीटर का सफर तय किया।