नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश पी.एन.भगवती के निधन पर शोक जताया।
मुखर्जी ने ट्वीट कर कहा कि पूर्व सीजेआई पी.एन.भगवती के निधन पर संवदेना। न्यायिक प्रणाली में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। भगवती का गुरुवार को निधन हो गया था।
मोदी ने इससे पहले ट्वीट कर भगवती को भारतीय कानूनी जगत का दिग्गज बताया। मोदी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि न्यायाधीश पी.एन.भगवती का निधन दुखद है। वह भारतीय कानूनी जगत के दिग्गज थे। उन्हें मेरी संवेदनाएं।
उन्होंने कहा कि न्यायाधीश पी.एन.भगवती के उल्लेखनीय योगदान से हमारी न्याय प्रणाली अधिक सक्षम हो गई और न्याय व्यवस्था तक लोगों की पहुंच अधिक सुगम हो गई।
भगवती का गुरुवार को दिल्ली में निधन हो गया था। उन्हें कुछ दिनों पहले ही बीमारी की वजह से दिल्ली अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह 95 वर्ष के थे।
उन्हें जनहित याचिकाओं की अवधारणा लाकर देश में न्यायिक सक्रियता की शुरुआत के लिए जाना जाता है। कई केंद्रीय मंत्रियों ने भी भगवती के निधन पर शोक जताया।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि पूर्व न्यायाधीश पी.एन.भगतवी के निधन पर दुख हुआ। भगवान उनके परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दे। उनकी आत्मा को शांति मिले।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने कहा कि न्यायाधीश पी.एन.भगवती के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। वह भारतीय कानूनी बिरादरी के दिग्गज थे। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी भगवती के निधन पर शोक जताया। उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश पी.एन.भगवती के निधन की खबर सुनकर दुखी हूं। वह आम लोगों के न्यायाधीश थे। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं।
वह 12 जुलाई 1985 से 20 दिसंबर 1986 तक देश के न्यायाधीश रहे। उनका जन्म 21 दिसंबर 1921 को हुआ था।