अजमेर। अजमेर जिले को जल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तीसरे चरण के कार्यों का शुक्रवार को पूरे जिले में शानदार आगाज हुआ।
जनप्रतिनिधियों ने जिले के विभिन्न स्थानों पर जल स्वावलंबन के लिए चयनित स्थानों पर श्रमदान किया। विधिवत पूजा अर्चना के साथ शुरू किए गए इन कार्यों में आमजन ने भी पूरा सहयोग किया। उन्होंने श्रम, समय, धन और साधनों से सहयोग का संकल्प भी लिया।
अजमेर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तीसरे चरण का जिला स्तरीय समारोह पीसांकन पंचायत समिति के कडैल ग्राम पंचायत में आयोजित किया गया।
दडों में नाड़ी निर्माण के कार्य पर संत लक्ष्मण दास सहित प्रो. बीपी सारस्वत एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र कुमार के नेतृत्व में जिला प्रशासन की टीम, पुलिस के जवानों, हाडी रानी बटालियन, एनसीसी, राष्ट्रीय आपदा मोचक दल, राज्य आपदा मोचक दल और ग्रामीणों ने श्रमदान किया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिला प्रभारी मंत्री हेमसिंह भडाना ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा शुरू किए गए जल स्वावलंबन अभियान का मुख्य उद्देश्य राजस्थान को जल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। जो मील का पत्थर साबित होगें। हम जल संरक्षण का ख्याल रखेंगे तो पर्यावरण भी हमारा हितैषी होगा। यह योजना नहीं बल्कि एक अभियान है। इसमें प्रत्येक व्यक्ति को भागीदारी निभानी चाहिए।
जल रहेगा तभी हमारी आने वाली पीढियां सुरक्षित रह पाएंगी। जल की रक्षा के लिए हमें उसका सदुपयोग भी करना सीखना होगा। उन्होंने सभी का आह्वान किया कि जल संरक्षण के लिए श्रम, तन,मन और धन के अलावा साधनों का भी सहयोग करें। आज का त्याग और समर्पण ही हमारा कल खुशहाल बनाएगा। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि गत दोनों चरणों के कार्य पूर्ण सफल रहे हैं तथा किसी कार्य में वर्षा दौरान कोई क्षति नहीं हुई।
संसदीय सचिव सुरेश रावत ने कहा कि यह अभियान ऎसा है कि प्रत्येक व्यक्ति इससे जुड़ सकता है। यह पुण्य का काम है, हम सभी को इसमें भागीदारी निभानी चाहिए। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थान को पानी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का जो बीड़ा उठाया है, वह अभूतपूर्व है। गत दोनों चरण में पूरे प्रदेश में इसके शानदार परिणाम हासिल हुए हैं।
अन्य प्रदेश राजस्थान को इस संबंध में मॉडल प्रदेश के रूप में देखते है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि अभियान में भागीदारी निभाएं। साथ ही सरकार ने अनेक कल्याणकारी योजनाएं भी चला रखी है उनका भी सभी अधिकाधिक लाभ उठाएं। उन्होंने इस मौके पर विधायक मद से दस लाख रूपए जल स्वावलम्बन अभियान के कार्यो के लिए देने की घोषणा भी की।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए जिला प्रमुख वन्दना नोगिया ने कहा कि यह पूरे देश का सबसे अनूठा अभियान है। मानवता की सेवा के लिए इस अभियान के दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। अभियान के तीसरे चरण में 54 ग्राम पंचायतों के 129 गांवों में जल स्वावलम्बन के कार्य करवाए जाएंगे।
जिला कलक्टर गौरव गोयल ने सभी से इस अभियान में तन-मन-धन से जुड़ने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि गत दोनों चरणों में प्रारंभ हुए समस्त कार्य पूर्ण हो गए हैं। जिसमें 7 हजार से अधिक कार्य करवाए गए हैं। सभी कार्य गुणवत्तापूर्ण हुए हैं। उन्होंने बताया कि अभियान से जिले में 3 से 10 फीट तक का जल स्तर में बढोतरी हुई है। जिले में नरेगा योजना के तहत सड़क निर्माण के कार्य भी करवाए गए जो काफी अच्छे हुए है।
अंत में पीसांगन पंचायत समिति के प्रधान दिलीप पवार ने आभार व्यक्त किया। इस मौके पर कडैल के सरपंच महेन्द्र सिंह, आईएएस प्रशिक्षु टीना डाबी, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण गर्ग सहित अनेक जिला स्तरीय अधिकारी, जनप्रतिनिधिगण एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन वृतिका शर्मा ने किया।
सभी ने ली जल संरक्षण की शपथ
जिला प्रभारी मंत्री हेमसिंह भडाना ने इस मौके पर उपस्थित समस्त अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणजनों को जल संरक्षण करने तथा जल स्वावलम्बन कार्यो में तन, मन, धन से पूर्ण सहयोग देने की शपथ ली।
जिला कलक्टर ने किया लगातार श्रमदान
कार्यक्रम से पहले जिला कलक्टर गौरव गोयल ने काफी देर तक स्वयं श्रमदान किया। उन्होंने बिना रूके लगातार मिट्टी खोदी और तगारी में भरकर अधिकारियों और जवानों को पकड़ाई। गोयल के इतनी लगन से श्रमदान करने की सभी ने प्रशंसा की।
महिला श्रमिकों ने अपनी बचत से दिए 21 हजार रूपए
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तृतीय चरण के अन्तर्गत ग्राम पंचायत कडैल में 21 भामाशाह महिला श्रमिकों ने अपनी छोटी-छोटी बचत से धन निकालकर सहयोग प्रदान किया। इन 21 महिला श्रमिकों ने एक-एक हजार रूपए का सहयोग दिया। ये महिला भामाशाह कडैल की बाला देवी भाटी, आशा भांबी, गीता (चौथमल), गीता (लादू), बतुल, रेवत की छोटी देवी गुर्जर, रतनी, फूमा, डूमाड़ा खुर्द की भंवरी, शारदा देवी, शान्ति देवी, गुड़ा की भंवरी देवी, हेमा देवी, डूमाड़ा कलां की कमला देवी, गोदावरी देवी, मुन्नी देवी, मझेवला की लाड्डी देवी, दुर्गा देवी तथा पांची देवी, बिदामी देवी (बद्रीनाथ) एवं बिदामी देवी (मदननाथ) हैं।
मौके पर ही मिला सहयोग
जिला स्तरीय समारोह के दौरान श्याम तिवाड़ी ने एक लाख, पंचायत समिति पीसांगन एवं सरवाड़ के सरपंच संघो द्वारा 21-21 हजार, विष्णुदत्त लाहौटी, देव प्रकाश सोनी, कानसिंह राठौड़ तथा हिम्मत सिंह मझेवला द्वारा 11-11 हजार, हीरालाल गुर्जर तथा शंकर सिंह मझेवला द्वारा 5500-5500, हरि प्रकाश सोनी द्वारा 5 हजार 100 एवं हिम्मत सिंह रेवत द्वारा 5 हजार रूपए प्रदान किए गए। इस दौरान विभिन्न भामाशाहों द्वारा 12 लाख 95 हजार का नकद सहयोग प्राप्त हुआ।
इसके साथ-साथ मशीनरी, सामग्री, श्रम एवं अन्य कार्यों के लिए लगभग 3 लाख 38 हजार का सहयोग देने के लिए भामाशाह आगे आए। संसदीय सचिव एवं पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत ने विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास मद से जल स्वावलम्बन कार्यों के लिए 10 लाख रूपए देने की घोषणा की।