भोपाल। वर्तमान भीषण महंगाई के दौर में बच्चों का विवाह का खर्च उठाना सभी के लिए आसान नहीं है। आर्थिक रूप से संपन्न लोग तो शादी का खर्च उठा लेते हैं, लेकिन कमजोर आय वर्ग वालों के लिए यह चिंता की बात है। ऊपर से दहेज की व्यवस्था करना भी मुश्किल है।
ऐसे में मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना गरीबों के लिए न केवल वरदान साबित हो रही है, बल्कि दहेज की कुप्रथा पर नकेल भी कस रही है। इस योजना के अंतर्गत मामूली खर्च पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग अपने बच्चों की शादी कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में विगत आठ वर्षों में लाखों नवयुवकों ने इस योजना का लाभ उठाया है।
इसी तारतम्य में श्रम, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री अंतर सिंह आर्य की उपस्थिति में बड़वानी जिले के सेंधवा में 551 जोड़े परिणय-सूत्र में बँधे। मंत्री श्री आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना ने गरीब परिवारों को अपनी बेटियों की शादी भी उमंग-उल्लास के साथ करवाने को संभव बनाया है। वहीं इस योजना ने समारोह में होने वाले अत्यधिक खर्चों, दिखावों पर भी प्रभावी रोक लगाई है। योजना में पिछले 8 वर्ष में अकेले सेंधवा में हजारों कन्याओं का विवाह हुआ है।