लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी राज्यमंत्री तेजनारायण पांडे उर्फ पवन पांडे को मारपीट करने के आरोप में बुधवार को पार्टी से छह साल के लिए बर्खास्त कर दिया गया।
पवन पांडे पर एमएलसी आशु मलिक की पिटाई करने का आरोप है। उनके खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल ने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के निर्देश पर की है। शिवपाल ने इसकी घोषणा बुधवार को पार्टी कार्यालय में की।
पार्टी द्वारा कार्रवाई किये जाने के बाद पवन पांडे को अब मंत्री पद से भी हटाना पड़ेगा। शिवपाल ने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया है।
उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति जो पार्टी में अनुशासनहीनता और गुंडई करेगा वह पार्टी में नहीं रहेगा। हालांकि शिवपाल ने यह भी कहा कि पार्टी में कोई मतभेद नहीं है। नेताजी का जो भी आदेश होगा उसे सभी को मानना पड़ेगा।
गौरतलब है कि आशु मलिक ने सोमवार को आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री आवास पर उन्हें बंधक बनाकर राज्यमंत्री ने पीटा था। पार्टी नेतृत्व ने इस मामले में जांच के भी आदेश दिए हैं।
उधर पवन पांडे ने आशु मलिक के आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें बदनाम करने की साजिश है। आशु मलिक झूठ बोल रहे हैं। पवन पांडे अयोध्या विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वह मुख्यमंत्री के करीबी कहे जाते हैं।
आज की इस ताजा कार्रवाई के बाद यह स्पष्ट है कि सपा मुखिया द्वारा सुलह के प्रयास के बावजूद पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। अखिलेश समर्थकों को पार्टी से निकाले जाने का क्रम लगातार जारी है।
पूर्व में यूथ विंग के अध्यक्षों को फिर एमएलसी उदयवीर सिंह को पार्टी से निकाला गया। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो रामगोपाल यादव को भी छह साल के लिए पार्टी से निकाला जा चुका है।
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