लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को कहा कि मुसलमानों ने अभी भी सपा का साथ नही छोड़ा है, बल्कि पार्टी के नेता उनका वोट नहीं डलवा सके।
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने अपने बुधवार को 79वें जन्मदिन पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह बातें कहीं। उन्होंने एक बार फिर अयोध्या मसले पर दर्द बयां किया। मुलायम ने कहा कि अगर अयोध्या में मस्जिद नहीं बचाते तो ठीक नहीं होता, क्योंकि उस दौर में कई नौजवानों ने हथियार उठा लिए थे।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मौजूदगी में पार्टी नेताओं को जमकर नसीहत देते हुए मुलायम ने कहा कि सपा को आज भी मुसलमानों को उतना ही समर्थन हासिल है, जितना पहले था। मुसलमानों ने सपा का साथ नहीं छोड़ा है, बल्कि पार्टी के नेता उनका वोट नहीं डलवा सके। चुनाव में जितने भी मुसलमानों ने वोट दिया है, उनमें से 90 प्रतिशत ने सपा को ही दिया है।
उन्होंने कहा कि आमतौर पर मुसलमान सपा के साथ सहानुभूति रखता है, लेकिन मौजूदा हालात को आप कैसे ठीक करोगे, बूथ कैसे चलवाओगे, ऐसा उनकी मुसीबत में साथ देकर ही संभव है।
हमारा जन्मदिन मनाना तब सफल होगा, जब संकल्प करके जाना कि जहां पर जो भी व्यक्ति अभाव में हो, उसका साथ दोगे। सभी कार्यकर्ता समाजवाद के प्रणेता राम मनोहर लोहिया की सात क्रांतियों का अनुसरण करें।
मुलायम ने कहा कि 1990 में अपने मुख्यमंत्रित्व काल में देश की एकता के लिए कारसेवकों पर गोलियां चलवाईं, उसमें 28 लोग मारे गए। अगर हम मस्जिद नहीं बचाते तो, उस दौर के कई मुस्लिम नौजवानों ने हथियार उठा लिए थे।
मुलायम ने कहा कि इसके बावजूद अगले चुनाव में पार्टी को 105 सीटें मिलीं और सरकार बनाई। जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में सपा को महज 47 सीटें मिलीं, जो शर्म की बात है।