लखनऊ/इटावा। दीपावली इस बार देश के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार के लिए एकता का संदेश लेकर आई है। दीपावली के मौके पर सैफई में मुलायम परिवार की एक साथ मौजूदगी इस बात का संकेत दे रही है कि उनके बीच के गिले-शिकवे खत्म हो गए हैं।
लेकिन मुलायम सिंह यादव से एक अखिलेश और शिवपाल की एक-एक सीट की दूरी यह बताने के लिए काफी है कि दूरी अभी मिटी नहीं है। संभव है कि पारिवारिक लिहाज से बैठने की व्यवस्था इस तरह से की गई हो लेकिन मुलायम परिवार में कलह का मंजर देखने वालों को यह अटपटा तो लगता ही है।
गौरतलब है कि दीपावली के मौके पर सैफई में मुलायम परिवार एक साथ दिखाई दिया। मुलायम, अखिलेश, शिवपाल, धर्मेंद्र, तेज प्रताप और अभिषेक यादव एक साथ कुर्सियों पर बैठे नजर आए। दीपावली से एक दिन पूर्व रामगोपाल यादव की मुलायम सिंह यादव से लंबी वार्ता हुई थी। मुलायम और रामगोपाल के बीच हुई इस वार्ता को मुलायम परिवार में चल रही कलह के खत्म होने के रूप में देखा जा रहा है।
सूत्रों का मानना है कि इस दीपावली में सैफई के इस राजनीतिक परिवार में सब कुछ पहले जैसा हो हो गया है लेकिन कानपुर में मेहरबान सिंह का पुरवा में शिवपाल यादव ने जिस तरह की बात कही है, उससे तो यही लगता है कि घाव बहुत गहरे हैं और इनके भरने में अभी वक्त लगेगा।
उन्होंने कहा कि 14 साल का वनवास तो भगवान राम को भी झेलना पड़ा था। इसके बाद उनका राज्याभिषेक हुआ था। प्रभु श्रीराम ने अगर मनुष्यों की सेना बनाई होती तो शायद वह भी धोखा खा जाते। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए चापलूसी और चुगलखोरी करने वालों को जमकर आड़े हाथों लिया।
राष्ट्रीय कार्यसमिति के पदाधिकारियों की सूची के मुद्दे पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा है कि यह राष्ट्रीय अध्यक्ष का अधिकार है कि वह जिसे चाहें, अपनी टीम में शामिल करें। वह अभी भी समाजवादी पार्टी से विधायक और मुलायम सिंह यादव सांसद हैं।
दीपावली पर अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव,चाचा शिवपाल यादव,प्रधान दर्शन सिंह यादव,चाचा अभयराम,चाचा राजपाल सिंह यादव के चरण छूूकर आशीर्वाद भी लिया। प्रकाश पर्व दीपावली पर मुलायम परिवार में लम्बे समय से चली आ रही कलह आज जाकर खत्म हुई।
मुलायम सिंह यादव ने परिजनों के साथ नट समाज के कलाकारों के द्वारा खेली गई नौटंकी का आनंद लिया। इस अवसर पर व्यापारी नेता बनवारी लाल कंछल के अलावा पूर्व एमएलसी दयाराम प्रजापति समेत अनेक दिग्गज मौजूद रहे।
मुलायम सिंह यादव ने कहा कि पूरा परिवार एक है। सभी समाजवादी परिवार है। आज यहां जितने भी लोग हैं।सब मेरे परिवार है। आज हम इसी परिवार की वजह से ऊचाइयों पर पहुंचे हैं।
उधर शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि हम पहले से एक हैं। हर त्यौहार पर पूरा परिवार एक साथ इकट्ठा होता है लेकिन इस अवसर पर रामगोपाल यादव दिखाई नहीं दिए। सैफई गांव के प्रधान दर्शन सिंह ने कहा कि परिवार में कुछ नाराजगियां थीं जिन्हें नेताजी ने पूरी तरह से दूर कर दिया है।
गौरतलब है कि आगरा में सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद अखिलेश यादव शनिवार को पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव से मिलने उनके आवास पांच विक्रमादित्य मार्ग पहुंचे थे।
इससे पहले वे 28 सितंबर को मुलायम सिंह से मिले थे और उन्हें आगरा में होने वाले 5 अक्टूबर के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होने का न्योता दिया था। इसके बावजूद भी मुलायम सिंह यादव अधिवेशन में नहीं पहुंचे थे। इससे पहले मुलायम सिंह यादव को प्रस वार्ता में नई पार्टी की घोषणा करनी थी लेकिन शिवपाल यादव के तमाम दबाव के बाद भी ऐसा करने से इनकार कर दिया था।
यही वजह थी कि मुलायम के आग्रह के बाद भी शिवपाल सपा के आगरा अधिवेशन में नहीं गए। फलतः मुलायम सिंह यादव को भी अपना निर्णय बदलना पड़ा था। यह अलग बात है कि सपा के राष्टीय अध्यक्ष चुने जाने पर मुलायम और शिवपाल ने अखिलेश यादव को बधाई और आशीर्वाद दिया था। तभी इस बात के कयास लगने लगे थे कि मुलायम परिवार सुलह-समझौते की डगर पर चल रहा है और बहुत जल्द उसमें एका बन जाएगी।
अखिलेश को पहली बार जब 1 जनवरी 2017 को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था तो मुलायम सिंह यादव ने भी इस पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी लेकिन दीपावली पर पूरे परिवार का एक साथ होना राजनीतिक दलों के बीच चर्चा का विषय बना है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार की बड़ी वजह मुलायम परिवार की अंतर्कलह भी मानी गई थी।