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मतभेद खत्म, मुल्ला मंसूर बने अफगान तालिबान के नए नेता - Sabguru News
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मतभेद खत्म, मुल्ला मंसूर बने अफगान तालिबान के नए नेता

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मतभेद खत्म, मुल्ला मंसूर बने अफगान तालिबान के नए नेता
Mullah Akhtar Mohammad Mansoor became new leader of the Afghan Taliban
Mullah Akhtar Mohammad Mansoor became new leader of the Afghan Taliban
Mullah Akhtar Mohammad Mansoor became new leader of the Afghan Taliban

काबुल। अफगानिस्तान के इस्लामिक चरमपंथी संगठन तालिबान के कमांडरों के मतभेद खत्म हो गए हैं और लगभग सभी कमांडरों ने मुल्ला मंसूर को अपना नया नेता स्वीकार कर लिया है। यह दावा अफगान तालिबान से अनाधिकृत रूप से जुड़ी एक वेबसाइट ने किया है।

इस वेबसाइट पर जारी यह बयान तालिबान से टूटकर अलग हुए एक धड़े और पूर्वी अफगानिस्तान में उभरे इस्लामिक स्टेट ग्रुप के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। पिछले साल जुलाई में तालिबान संगठन में तब फूट पड़ गई थी, जब यह पता चला था कि समूह के संस्थापक मुल्ला उमर सालों पहले मर चुके हैं।

अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट के उभार से तालिबान की समस्याएं और बढ़ गईं थीं, क्योंकि कई छितरे हुए इस्लामिक गुटों ने तालिबान के अप्रभावी हो जाने के बाद मुजाहिदीनों की भर्ती शुरू कर दी थी। लेकिन पूर्वी क्षेत्र में अमरीका और अफगान फौजों के इस्लामिक स्टेट पर हवाई हमलों से तालिबान को उल्लेखनीय फ़ायदा हुआ और इससे मंसूर को अंदरूनी विरोध को दबाने का मौका मिल गया।

अमरीकी-अफगान सेनाओं के हवाई हमलों ने इस्लामिक स्टेट की बढ़त को पीछे धकेला, तो मंसूर ने दक्षिण में मुल्ला मोहम्मद रसूल के नेतृत्व में अलग हो रहे मुख्य गुट को कुचल दिया।

कहा जा रहा था कि मार्च में अपने प्रमुख गढ़ शिंदांद पर हुए हमले के बाद वहां से भागे रसूल को पाकिस्तान में गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन तालिबानी मीडिया ने उसकी गिरफ्तारी, समूह के पाकिस्तान के औजार के रूप में काम करने की छवि और पाकिस्तान के विद्रोही नेताओं और धड़ों को अपने हिसाब से इस्तेमाल करने की क्षमता की खबरों को दबाकर रखा था।

तालिबान के नए नेता मुल्ला मंसूर को तालिबान को नजदीक से जानने वाले अक्सर पाकिस्तान की पसंद के रूप में देखते हैं। तालिबान से अनधिकृत रूप से जुड़ी वेबसाइट के अनुसार लगभग सभी तालिबान नेताओं ने एकता के लिए अपने मतभेद दरकिनार कर दिए हैं।

अन्य मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि ज्यादातर अप्रभावी तालिबान नेताओं को रिश्वत या दबाव देकर मना लिया गया है। 29 मार्च को वेबसाइट ने तालिबान की एकता कायम होने पर काबुल के लेखक और राजनीतिक टिप्पणीकार नजर मोहम्मद मुतमइन का एक लंबा लेख छापा था। इसमें कहा गया था कि मुख्य विद्रोही गुट करीब-करीब खत्म हो गए हैं और अन्य कमांडरों और नेताओं ने मंसूर के साथ समझौता कर लिया है।