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मुंबई में इमारत ढहने से 33 की मौत, प्रधानमंत्री ने दुख जताया - Sabguru News
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मुंबई में इमारत ढहने से 33 की मौत, प्रधानमंत्री ने दुख जताया

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मुंबई में इमारत ढहने से 33 की मौत, प्रधानमंत्री ने दुख जताया
Mumbai building collapse : Death toll rises to 24, PM condoles the sad demise
Mumbai building collapse : Death toll rises to 24, PM condoles the sad demise
Mumbai building collapse : Death toll rises to 33, PM condoles the sad demise

मुंबई। दक्षिण मुंबई में गुरुवार को जे.जे. हॉस्पिटल के पास इस मानसून के सबसे बुरे हादसे में करीब 117 साल पुरानी छह मंजिला इमारत के गिरने से 33 लोगों की मौत हो गई और अन्य 34 लोग घायल हो गए।

एक अधिकारी ने कहा कि देर शाम तक मलबे में दर्जन भर लोग फंसे हुए थे। उन्हें बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।

इमारत के मलबे में से अब तक 34 लोगों बचाया गया है। इमारत के गिरने के कारणों की जांच हो रही है। दक्षिण मुंबई के भीड़भाड़ वाले भिंडी बाजार के मौलाना शौकत अली रोड पर हुसैनी बिल्डिंग को छह साल पहले खतरनाक घोषित किया गया था। गुरुवार सुबह 8.25 बजे यह भरभरा कर गिर गई। इसमें इमारत के निवासी फंस गए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे को लेकर दुख जताया है। मोदी ने ट्वीट किया कि मुंबई में एक इमारत के गिरने की घटना दुखद है। मेरी संवेदना इसमें जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के साथ है और मैं घायलों के लिए प्रार्थना करता हूं।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घटनास्थल का दौरा किया और घटना की जांच का आदेश दिया। पुनर्वास मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने मृतकों के परिजनों के लिए 5 लाख रुपए की मुआवजा राशि दिए जाने व घायलों का मुफ्त इलाज कराने की घोषणा की।

विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने एमएचएडीए को इमारत का पुनर्निनिर्माण सुनिश्चित नहीं करने के लिए जिम्मेदार ठहराया। घायलों में पांच अग्निशमन कर्मी व एक एनडीआरएफ जवान भी शामिल है।

एक महिला ने बताया कि इमारत में एक प्लेस्कूल भी था। जिस समय इमारत ढही, प्लेस्कूल उसके दो घंटे बाद खुलने वाला था। दोपहर में बीएमसी की एक बुलेटिन में बताया गया कि इमारत के भूतल पर एक खाली गोदाम था और शेष ऊपरी मंजिलों में 10 घर थे।

एक बीएमसी के अधिकारी ने कहा कि खतरनाक इमारत को खाली करने के लिए 2011 में नोटिस दी गई और निवासियों को खाली करने का आदेश दिया गया जिससे पुनर्विकास परियोजना शुरू हो सके, लेकिन लोगों ने चेतावनी का पालन नहीं किया।

एनडीआरएफ, राज्य आपदा प्रबंधन, अग्निशमन कर्मी, खोजी कुत्ते के दस्ते व इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मलबे में से लोगों को खोजने के लिए लगाए गए हैं।

इस दौरान स्थानीय निवासियों, खास तौर से दाऊदी बोहरा समुदाय के सदस्यों ने अपने राहत प्रयास शुरू किए और हाथों से मलबे को हटाकर पीड़ितों को बचाने का प्रयास किया।

मुंबई में मंगलवार की बाढ़ के बाद यह इमारत गिरने का पहला बड़ा हादसा है और 26 अगस्त को चंडीवली क्रिस्टल बिजनेस पार्क में हादसे के पांच दिन बाद यह दूसरा हादसा है। बिजनेस पार्क हादसे में छह लोगों की मौत हुई थी। इससे पहले बीती 25 जुलाई को घाटकोपर में साई दर्शन बिल्डिंग के गिरने से 17 लोगों की मौत हो गई थी।