मुंबई। मुंबई पुलिस के एक दल को इंडोनेशिया में एक भी बार माफिया सरगना छोटा राजन से मिलने की अनुमति नहीं दी गई।
बाली से छोटा राजन को भारत लाने गई टीम का हिस्सा मुंबई पुलिस के कर्मी भी थे। अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमारे दल को राजन से कभी मिलने नहीं दिया गया। सारी जानकारी उन्हें बाली में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारी के जरिए मिली।
पुलिस दल 30 अक्तूबर को मुंबई से रवाना हुआ था और उसे चार दिन बाद तीन नवंबर को राजन की एक झलक देखने को मिली। राजन को इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर 25 अक्तूबर को बाली हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था, जब वह ऑस्ट्रेलिया से बाली पहुंचा था।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह राजन की पहली इंडोनेशिया यात्रा थी और उसने कम से कम 15 दिन वहां छुट्टी मनाने की योजना बनाई थी। यहां तक कि दिल्ली वापसी की उड़ान में भी मुंबई पुलिस का दल राजन से बात नहीं कर सका। अधिकारी ने कहा कि बाली से मुंबई की उड़ान 10 घंटे की थी। ज्यादातर समय राजन सोता रहा। सात अधिकारियों के दल में मुंबई पुलिस, सीबीआई और दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के कर्मी थे।
उन्होंने मीडिया में पहले आई खबरों का खंडन किया कि राजन को किडनी की कोई बीमारी है। हालांकि, उसके हृदय की बाईपास सर्जरी हुई है। राजन के दिल्ली पहुंचने से एक दिन पहले महाराष्ट्र सरकार ने एक आश्चर्यजनक कदम के तहत उसके खिलाफ सारे मामले सीबीआई को सौंपने का फैसला किया।
राजन ने इससे पहले मीडियाकर्मियों से कहा था कि मुंबई पुलिस के कुछ कर्मी उसके प्रतिद्वंद्वी और फरार माफिया सरगना दाउद इब्राहिम के पे रोल पर हैं। अपराध शाखा के अधिकारी ने कहा कि मुंबई पुलिस ने अब तक गैंगस्टर के खिलाफ मामलों से संबंधित दस्तावेज सीबीआई के साथ साझा नहीं किया है क्योंकि वे राज्य सरकार से अधिसूचना की प्रतीक्षा कर रहे हैं।