मुंबई। मुंबई में परेल-एल्फिंस्टन स्टेशनों को जोड़ने वाले एक संकरे रेलवे फुटओवर ब्रिज पर मची भगदड़ में 22 यात्रियों की मौत हो गई है।
बृहन्मुंबई नगर निगम आपदा नियंत्रण ने कहा कि इस घटना में कम से कम 32 लोग घायल हो गए हैं, जिनमें से छह की हालत गंभीर है और मृतकों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है।
बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि मृतकों में 18 पुरुष व चार महिलाएं शामिल हैं। जबकि 23 पुरुष व नौ महिलाएं घायल हैं, जिनका इलाज जारी है। घायलों को परेल के कीईएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
नई दिल्ली में रेलवे बोर्ड एक अधिकारी ने दुर्घटना की जांच की घोषणा की है। घटना के कारणों का पता नहीं चल पाया है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इलेक्ट्रिक शॉर्ट सर्किट की अफवाह के बाद यह भगदड़ हुई।
अधिकारियों ने हालांकि अचानक बारिश होने से पुल पर भारी संख्या में लोगों की भीड़ को जिम्मेदार ठहराया है। बारिश से बचने के लिए अधिक संख्या में लोग पुल पर इकट्ठा हो गए थे।
घटना के बाद बचाव दल के मौके पर पहुंचने से पहले स्थानीय कैब चालकों और दुकानदारों ने घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की।
इस हादसे में मरने वालों को 10 लाख रुपए मुआवजा मिलेगा। 5 लाख रुपए राज्य सरकार की ओर से और 5 लाख रुपए रेलवे की ओर से दिया जाएगा। रेलवे की ओर से मिलने वाले मुआवजे का एलान रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किया है। इसके अलावा रेल मंत्री ने गंभीर रूप से घायल लोगों को 1 लाख रुपए और मामूली रूप से घायल लोगों को 50 हजार रुपए देने का एलान किया है। महाराष्ट्र के शिक्षामंत्री विनोद तावड़े ने कहा कि हमने इस त्रासदी की जांच के आदेश दिए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना जताई है। यह त्रासदी रेल मंत्री पीयूष गोयल के शुक्रवार को मुंबई पहुंचने से ठीक पहले हुई। गोयल यहां पश्चिम रेलवे, मध्य रेलवे और हार्बर रेल लाइन के लिए कई नई उपनगर रेल सेवाओं की शुरुआत करने वाले थे।
इस दुर्घटना के बाद गोयल ने उद्घाटन कार्यक्रम रद्द कर दिए। वहीं, शिवसेना ने इस घटना पर अपनी त्वरित प्रतिक्रिया में गोयल से इस्तीफे की मांग की है और साथ ही सभी पीड़ितों को पर्याप्त मुआवजा और मुंबई के यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल उपायों को प्राथमिकता देने के लिए भी कहा है।
घटनास्थल पर पहुंचे मुंबई के महापौर विश्वनाथ महादेश्वर ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी पश्चिम रेलवे के अधिकारियों की है। दशहरा से एक दिन पहले हुए इस हादसे के खिलाफ सोशल मीडिया पर लोग तीखी प्रतिक्रिया जता रहे हैं।