मुंबई। भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन सहयोगी शिवसेना ने यहां एक रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को हुई भगदड़ में 22 लोगों की मौत को ‘नरसंहार’ करार दिया है।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने मीडिया से कहा कि एलफिंस्टन रोड रेलवे स्टेशन के फुट ओवरब्रिज पर मची भगदड़ भाजपा सरकार द्वारा लोगों का जनसंहार है। उन्होंने रेल मंत्री पीयूष गोयल व वरिष्ठ रेल अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज करने तथा हत्या का मुकदमा चलाने की मांग की।
राउत ने भाजपा की बुलेट ट्रेन परियोजना की भी खिल्ली उड़ाई और कहा कि यात्रियों की सुरक्षा व रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
शिवसेना के एक अन्य सांसद राहुल शेवाले ने कहा कि उन्होंने पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु को पत्र लिखकर अप्रेल 2015 में ओवरब्रिज को यात्रियों की सुरक्षा के लिए चौड़ा करने की मांग की थी, जहां आज भगदड़ की घटना हुई है।
हालांकि, सुरेश प्रभु ने राहुल शेवाले की मांग को धन की कमी व परिचालन बाधाओं को आधार बनाकर इसे खारिज कर दिया था। शिवसेना के अन्य नेताओं ने रेल मंत्री पीयूष गोयल के इस्तीफे की मांग की। गोयल ने इसी महीने सुरेश प्रभु से पदभार ग्रहण किया है। शिवसेना नेताओं ने बुलेट ट्रेन परियोजना को रद्द करने की मांग की।
कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भी मुंबई के लाखों यात्रियों की सुरक्षा के प्रति लापरवाही को लेकर भाजपा पर निशाना साधा और मामले की न्यायिक जांच की मांग की।
सैकड़ों की संख्या में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने पीयूष गोयल व महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े के खिलाफ केईएम अस्पताल के पास नारेबाजी की। दोनों नेता घायलों को देखने केईएम अस्पताल पहुंचे थे।
पीयूष गोयल शुक्रवार दोपहर दशहरा की पूर्व संध्या पर कई नई उपनगरीय रेल सेवाओं का उद्घाटन करने के लिए पहुंचे थे, लेकिन हादसे के बाद उन्होंने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए।
गोयल ने केईएम अस्पताल में मृतकों के परिजनों व घायलों से मुलाकात की और वरिष्ठ रेल अधिकारियों के साथ चर्चा की।
मुंबई उपनगरीय नेटवर्क के अब तक के सबसे भयावह हादसे में एलफिंस्टन रोड व परेल रेलवे स्टेशन को जोड़ने वाले सकरे फुट ओवरब्रिज पर मची भगदड़ में 22 यात्रियों की मौत हो गई और 32 अन्य घायल हो गए हैं।
इस दुर्घटना को लेकर सोशल मीडिया पर आम लोगों में भारी आक्रोश भड़क गया है। लोगों ने यात्रियों की सुरक्षा व रक्षा को प्राथमिकता दिए बगैर सरकार की नई बुलेट ट्रेन परियोजना की घोषणा को लेकर काफी आलोचना की है।