मुंबई। अकोला शहर के गरीब बस्ती में रहने वाले लोगों को बिना काम किए रुपए कमाने का झांसा देते हुए उनकी किडनी की तस्करी की जा रही थी। इस मामले की जांच करते हुए स्थानीय अपराध शाखा ने किडऩी की तस्करी करने वाले गिरोह के दो आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। गिरफ्तार ने नाम देवेंद्र सिरसाट, संतोष कोल्हटकर, संतोष गवली बताए गए है।
आरोपियों को बुधवार को न्यायालय के समक्ष पेश करने पर न्यायाधीश ने उन्हें ५ दिसंबर तक पुलिस हिरासत में रखने के आदेश दिए। मिली जानकारी के अनुसार जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है। उनकी कमजोरी का लाभ उठाते हुए मानव अंगों की तस्करी करने एजेंट लालच देते थे।
कम समय में अधिक रुपए का झांसा देकर उनके अंगों को बेचने का गोरखधंधा चला रहे थे। कोलंबो शहर में आरोपियों ने शिकायककर्ता को नवलोक अस्पताल में भर्ती करवा कर 3 अक्टूबर 2015 को शल्यक्रिया कर उसकी एक किडऩी निकाल ली। कोलंबो से वापस आने पर आरोपियों ने शिकायतकर्ता को 4 लाख की बजाए 3 लाख देकर टरकाने का प्रयास किया।
आरोपियों का यही लालच रैकेट के भांडाफोड़ का मुद्दा बना। ऐसी जानकारी लिखित रूप में शिकायतकर्ता संतोष शंकर गवली ने एलसीबी के पास दर्ज कराई।
अकोला के दोनों आरोपियों ने शिकायतकर्ता को नागपुर के अस्पताल में ले जाकर शारीरिक जांच करवाई थी। जिसमें वे किडनी देने के लिए पात्र पाए जाने पर आरोपियों ने आगे की कार्रवाई को अंजाम दिया था।
भारत में इस तरह किडनी की तस्करी करना गैरकानूनी है। जिससे मामले की जांच कर रही स्थानीय अपराध शाखा नागपुर के उस अस्पताल की जांच पड़ताल कर सकती है।