मुंबई। मुंबई शहर के पश्चिम उपनगर में गोरेगांव व जोगेश्वरी स्टेशन के बीच राममंदिर स्टेशन का लोकार्पण रेलवे मंत्री सुरेश प्रभू के हाथों गुरुवार को संपन्न हुआ।
इस अवसर पर शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर ,राज्य सरकार के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते, राज्यमंत्री विद्या ठाकुर, रविंद्र वायकर सहित भारी मात्रा में भाजपा व शिवसेना कार्यकर्ता उपस्थित थे।
कार्यक्रम में शिवसेना व भाजपा कार्यकर्ताओं ने श्रेय के लिए जोरदार घोषणाबाजी भी की, जिससे वक्ताओं का भाषण तक पूरा नहीं हो सका।
मिली जानकारी के अनुसार पश्चिम उपनगर में ओशिवरा के बने इस नए स्टेशन का नामकरण पहले ओशिवरा ही होने वाला था। लेकिन बाद में भाजपा व शिवसेना की सरकार केंद्र व राज्य में अस्तित्व में आने के बाद इसी क्षेत्र में प्रसिद्ध राममंदिर के नाम पर इस स्टेशन का नामकरण राममंदिर किया गया।
रेलवे प्रशासन को नए तरीके से नामकरण किए जाने के बाद इंडिकेटर आदि में नाम बदलने के लिए कुछ दिनों का समय लगा, जिससे इससे पहले होने वाला उद्घाटन कार्यक्रम गुरुवार को संपन्न हुआ।
रेलवे मंत्री प्रभू ने कहा कि इस कार्यक्रम में उत्तरप्रदेश के राज्यपाल राम नाईक भी उपस्थित रहना चाहते थे, लेकिन वह पहले से ही तय कार्यक्रम में अतिव्यस्तता की वजह से कार्यक्रम में नहीं पहुंच सके। रेलवे मंत्री ने रामनाईक के संदेश को पढक़र यहां उपस्थित नागरिकों को सुनाया।
हालांकि यहां शिवसेना के मंत्रियों के भाषण के दरम्यान भाजपा व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने तथा भाजपा कार्यकर्ताओं के भाषण के दरम्यान शिवसेना कार्यकर्ताओं ने घोषणाबाजी जारी रखा था, जिससे कार्यक्रम में व्यत्यय जारी रहा।
मंत्रियों के आवाहन पर भी जब कार्यकर्ता शांत नहीं हुए तो कार्यक्रम समाप्त घोषित कर दिया गया। इस तरह कार्यक्रम समाप्त होने के बाद दोनों दलों के नेताओं ने राममंदिर स्टेशन का श्रेय लेने का प्रयास किया और एक दूसरे पर अनायास श्रेय लेने का आरोप लगाया है।