सबगुरु न्यूज-सिरोही। व्यापमं की तरह सिरोही नगर परिषद में हुए नियुक्ति अनियमितता पर कार्रवाई हो गई है। नपमं अनियमितता से नियुक्त कार्मिकों की नियुक्ति को रद्द करने का आदेश निकाल दिया गया है।
नगर परिषद में बोर्ड की अनुमति के बगैर सभापति ताराराम माली के कार्यकाल में पूर्व आयुक्त लालसिंह राणावत के माध्यम से की गई नियम विरुद्ध नियुक्तियों को नगर परिषद आयुक्त ने बुधवार को रद्द कर दिया है। इस मामले में डीडीआर जांच कर रहे हैं और इसी के बीच इन नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया है।
नगर परिषद सिरोही में नियम विरुद्ध की गई नियुक्ति के मामले को सिर्फ सबगुरु न्यूज ने उठाया था। सबगुरु न्यूज ने सबसे पहले व्यापमं की तरह सिरोही में नपमं तो नहीं (https://www.sabguru.com/another-vyapam-in-sirohi), 2 सितम्बर को नपमं में पांच की शहादत (https://www.sabguru.com/five-expeled-before-payment) तथा 20 अक्टूबर को सिरोही के व्यापमं की जांच के आदेश (https://www.sabguru.com/dlb-orederd-to-probe-in-irregularity-in-recruitment-in-sirohi-muncipal-counsile) शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर नौकरी में हुई इस अनियतिता को उजागर किया था।
पांच पदों पर नियुक्ति
डिप्टी डायरेक्टर के निर्देश पर इन नियुक्तियों की जांच सिरोही नगर परिषद के वर्तमान आयुक्त के पास आने पर उन्होने सफाई निरीक्षक, तीन चालक व एक बागवान को दी गई स्थायी नियुक्ति को रद्द कर दिया है। वर्तमान सभापति ताराराम माली के कार्यकाल में ही आयुक्त लालसिंह राणावत ने नियुक्ति दी थी। इससे पहले छह और लोगों की नियुक्ति को रद्द किया गया था।
पैसा वसूली कैसे?
जानकारी के अनुसार नियमविरुद्ध नियुक्त किए गए इन पांचों लोगों को ट्रेजरी से तनख्वाह भी दे दी गई है। तनख्वाह के बिल पर आयुक्त के साथ-साथ सभापति के भी हस्ताक्षर होते है, तब जाकर यह निकलती है। ऐसे में ट्रेजरी से तनख्वाह के रूप में निकली राशि भी गबन की श्रेणी में आती है या नहीं यह भी एक बड़ा सवाल है।
यदि गबन की श्रेणी में आती है तो इसकी वसूली किस तरह से और किससे की जाएगी यह भी एक यक्ष प्रश्न है। इन नियुक्तियों को रद्द करके प्रशासन ने एक तरह से यह प्रमाणित कर दिया है कि भाजपा के शासन में सिरोही नगर परिषद में वो भ्रष्टाचार व अनियमितता हुई है तो राजस्थान में शायद ही कहीं हुई है।
मंगलवार को हुई नगर परिषद बोर्ड की बैठक में भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय पार्षदों के बहिष्कार में यह भी आक्रोश था कि बोर्ड की अनुमति के बिना ही यह नियुक्तियां दे दी और इसे लेकर भी सभापति के प्रति आक्रोश दिखा था। ऐसे में इन नियुक्तियों में सभापति या भाजपा बोर्ड की कथित भूमिका पर सवालिया निशान साधने और भाजपा के भ्रष्ट चेहरे को उजागर करने का बेहतरीन मौका मिलेगा। यह बात दीगर है कि कांग्रेस इस मौके को कैसे भुनाती है।
इनका कहना है…
नगर परिषद में नियम विरुद्ध जिन पांच लोगों की स्थायी नियुक्ति की गई थी, उन नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया है। इसमें सफाई निरीक्षक, एक बागवान तथा तीन चालक शामिल हैं।
दिलीप माथुर
कार्यवाहक आयुक्त, नगर परिषद, सिरोही।