सबगुरु न्यूज-सिरोही। विकास के दुंदुभी बजाकर सत्ता पर काबिज हुई भाजपा के पास शहर के विकास के लिए पैसा नहीं है, लेकिन शहर के बीचोंबीच करोडों रुपये की जमीन को भारतीय जनता पार्टी को कोडियों के दाम पर देने की प्रक्रिया को आगे बढ़ने के लिए भाजपा बोर्ड के पास पैसा आ गया। इस पैसे को उन्होंने कलक्टरी में जमा भी करवा दिया है।
जिला कलक्टर ने 2 नवम्बर को नगर परिषद आयुक्त को पत्र लिखकर सिरोही नगर परिषद क्षेत्र में स्थित खसरा संख्या 2709 की 0.2800 हैक्टेयर की भूमि पर खडे पेडों और बनी चारदीवारी की राशि का मूल्यांकन करके इस भूमि को परिषद के नाम से नामांतरित करवाने के लिए राशि जमा करवाने को कहा था।
इस पत्र के अनुसार सिरोही तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर पीडब्ल्यूडी कार्यालय के मुख्य द्वार पर स्थित इस जमीन पर खडे पेडों की लागत 13 हजार 300 रुपये, पीडब्लयूडी के अधिशासी अभियंता के मूल्यांकन के आधार पर इस भूमि में बनी चारदीवारी के 1 लाख 30 हजार रुपये तथा 70 रुपये इस भूमि की प्रीमियम राशि समेत कुल एक लाख 43 हजार 370 रुपये सिरोही तहसीलदार के मद संख्या 0029 में चालान बनवाकर जमा करवाने थे।
पैसे के आभाव में ठेकेदारों के बिलों को अटकाने वाली और जनता के विकास के कामों को रोकने वाले के बहाने बनाने वाले भाजपा बोर्ड के कार्यकाल में क्लक्टर के पत्र जारी होने के दूसरे दिन ही चालान संख्या 0013773872 से 3 नवम्बर को यह राशि राजकोष में जमा करवा दी।
-जनता की जमीनों की दुश्मन रही भाजपा का कार्यकाल
ताराराम माली के नेतृत्व में सिरोही में काबिज हुआ भाजपा बोर्ड जनता की जमीनों की दुश्मन रही। पूर्व आयुक्त लालसिंह राणावत और सभापति ताराराम माली के खसरा संख्या 1218 की भूमि को सस्ते में खुर्द-बुर्द करने का मामला एसीबी में दर्ज है।
तो इसी तरह की करोडो रुपये की अतिक्रमित जमीनों को सस्ते में खुर्द-बुर्द करने में भाजपा बोर्ड के कार्यकाल में जनता के साथ धोखे की सीमाएं पहले ही लांघ दी है। अब शहर के बीचोंबीच करोडो रुपये की लागत की जनता की जमीन को भाजपा नेट के अनुसार dlc दर के कौड़ियों के दाम पर अपनी ही पार्टी को देने के लिए यह कदम उठाया है। विधानसभ में भी ये मुद्दे प्रमुखता से पूछे गए हैं।
-लोढा ने दी न्यायालय में जाने की चेतावनी
फिलहाल भाजपा की इस मनमानी और जनता के साथ किए जा रहे धोखे को रोकने के लिए विपक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। कांग्रेस के शेष धडों ने इस जमीन के खुर्द-बुर्द करने को लेकर अपनी जुबान तक नहीं खोली।
वहीं कांग्रेस के पूर्व विधायक संयम लोढा ने करोडों रुपये की इस जमीन को निलामी के बिना भाजपा को औने-पौने दामों पर दिए जाने पर प्रशासन और सरकार को न्यायालय में घसीटने की चुनौति दी है।
एक तकनिकी खामी
Pwd की जमीन को नगर परिषद को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया की एक तकनिकी खामी पहले ही नगर परिषद द्वाराद्वारा की जा चुकी है। ये ऐसी खामी है जो इस जमीन को लेकर भाजपा बोर्ड की नीयत को स्पष्ट करती है। ये खामी ही इस जमीन को कौड़ियों के दाम पर जाने के मार्ग में प्रमुख बाधा बन सकती है।
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